महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शुक्रवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में चार राजकीय कॉलेजों को संगठक कॉलेज के रूप में सम्बद्ध करने के शासन के निर्णय को कुछ संशोधन के साथ स्वीकृति प्रदान कर दी गई। शासन ने वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र और मिर्जापुर एक-एक निर्माणाधीन राजकीय कॉलेजों को विश्वविद्यालय से जोड़ा है। इनके संचालन की जिम्मेदारी भी विश्वविद्यालय को दी है। विश्वविद्यालय का भैरवनाथ परिसर अब राजा बलवंत सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाएगा।कार्यपरिषद में इस बात पर सहमति बनी कि चंदौली में स्ववित्तपोषित आधार पर कॉलेज चलाना व्यावहारिक नहीं है। इसलिए इसे संगठक कॉलेज के रूप में सम्बद्ध न किया जाए। कार्यपरिषद के इस निर्णय से शासन को अवगत करा दिया जाएगा। बैठक में कुछ दिनों पहले विद्यापरिषद से पारित विभिन्न कोर्सों, परीक्षा के नियमों में संशोधन, सेमेस्टर परीक्षाओं का पाठ्यक्रम 25 फीसदी कम करने समेत अन्य फैसलों का अनुमोदन कर दिया गया। पूर्व में जारी सम्बद्धता के प्रस्तावों के विस्तार का भी अनुमोदन किया गया। इसके अलावा शिक्षकों से जुड़े व्यक्तिगत प्रकरणों का भी निस्तारण किया गया। जबकि कर्मचारियों की समस्याओं के लिए समिति गठित करने का फैसला हुआ। वहीं 13 कर्मचारियों को स्थाई कर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने की। बैठक में कुलसचिव डॉ. साहब लाल मौर्य, सहायक कुलसचिव हरीशचंद्र समेत अन्य अधिकारी और सदस्य मौजूद थे।
तीन राजकीय कॉलेज होंगे संगठक के रूप में सम्बद्ध
Bureau Chief-Varanasi Dr S C Srivastava
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