मिर्जापुर। कोई व्यक्ति बैंक में पेंशन के पैसे निकालने जाए और कैश काउंटर पर बैठा व्यक्ति ये कहे कि आप तो मर चुके हैं और मृतक होने के चलते आपका खाता बंद कर दिया गया है तो उस व्यक्ति पर क्या गुजरेगी? यह कागज फिल्म की कहानी नहीं बल्कि चील्ह के रहने वाले एक 70 वर्षीय व्यक्ति पर बीत रही हकीकत है। वे खुद को जीवित साबित करने के लिए व्यवस्था के साथ न केवल जूझ रहे हैं बल्कि जर्जर काया और कमजोर नजर लिए विभागों के चक्कर लगा रहे हैं। पिछले तीन दिनों से मृतक का तमगा लिए न तो वे रात में सो पा रहे हैं न दिन में चैन से बैठ पा रहे हैं। उनका यहां तक कहना है कि उन्हें कागजों में भी जीवित नहीं किया गया तो डीएम कार्यालय के सामने अनशन पर बैठेंगे जीवित व्यक्ति को मृतक बनाकर उसकी जमीन हड़पने पर आधारित फिल्म इन दिनों सुर्खियों में है। जिले में इसका जीता जागता उदाहरण लोगों के लिए चर्चा का केंद्र बना हुआ है। विकास खंड कोन के 70 वर्षीय बुजुर्ग रघुनाथ प्रसाद गुप्ता को जीते जी कागजों पर मृतक बना दिया गया है। ‘जीवित मृतक‘ जब इन्डियन बैंक चील्ह पहुंचा तो बैंक कर्मचारियों ने बताया कि वह तो मृतक हो गया है। उसका खाता मृत होने के कारण बंद कर दिया गया। वृद्ध हताश हो गया और वह अपने को जिंदा साबित करने के लिए विभागों के चक्कर लगाने लगा। जीवित मृतक का आरोप है कि सरकारी मशीनरी ने मिलकर उनको कागजों में मार डाला। रघुनाथ इसकी जानकारी गांव के लोगों को भी दी। लोगों ने उन्हें सलाह दिया कि आप ऊपर के अधिकारियों को अपने मृतक होने और अपने जिंदा होने की सूचना व सुबूत प्रार्थना पत्र के माध्यम से दें। मंगलवार को कोन ब्लाक मुख्यालय पहुंचकर खंड विकास अधिकारी, एसडीएम अमित शुक्ला को प्रार्थना पत्र देकर अपने को जिंदा घोषित करने की मांग की और पेंशन को चालू कराकर खाते में डालने की मांग की। वृद्ध ने कहा कि यदि सुनवाई नहीं हुई तो मजबूर होकर जिलाधिकारी के सामने अनशन करना पड़ेगा।
एसडीएम अमित शुक्ला ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति ने प्रार्थना पत्र दिया है जिसकी जांच कराई जाएगी। जो भी वृद्ध को मृतक घोषित कराया होगा उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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