अंबेडकर नगर। जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जडे़ इतनी गहरी हैं जिसे हटाना नामुकिन सा लगता हैं बेसिक शिक्षा कार्यालय में बाबू बने शिक्षक सुधीर कुमार श्रीवास्तव के विरूद्ध कार्यवाही करना विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
मामला यह हैंकि साल भर पूर्व वेतन निर्गत करने के लिए सुधीर श्रीवास्तव ने 25 हजार रूपये की मांग करने के मामले में विभागीय अधिकारी आरोपी शिक्षक को क्लीन चिट देते आ रहे हैं।जबकि मामला मीडिया में तूल पकड़ने के बाद भी आरोपी शिक्षक के विरूद्ध किसी प्कार की कोई तो कार्यवाही नही की गई लेकिन इतना जरूर हुआ था कि पीड़ित शिक्षिका का वेतन निर्गत कर दिया गया था। पीड़िता कंचन शर्मा द्वारा लगातार आरोपी शिक्षक के विरूद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर मुख्यमंत्री सहित विभागीय अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र शपथ पत्र के साथ प्रेषित किये गये लेकिन हर शिकायती पत्र पर कार्यवाही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पंहुच कर दम तोड़ देती है। विभाग के लिए अहम कामधेनु बन चुके सुधीर श्रीवास्तव को बचाने में विभागीय अधिकारी इस कदर लगे हुए हैं कि वे हर शिकायतों का निस्तारण गोलमाल तरीके से करके भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
विदित है कि प्राथमिक विद्यालय तिवारीपुर की सहायक अध्यापिका कंचन शर्मा का वेतन निर्गत कराने के लिए सुधीर श्रीवास्तव ने उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद 25 हजार रूपये घूस मांगी गई थी। तत्काल कंचन शर्मा ने उसी दौरान आरोपी शिक्षक की शिकायत बीएसए से की थी लेकिन वर्ष भर समय बीत जाने के बावजूद अधिकारी कार्यवाही करने की जहमत नही उठा रहे हैं। अधिकारियों द्धारा कार्यवाही नही होने से बाबू बने शिक्षक सुधीर श्रीवास्तव में कोई खौफ नही हैं। आखिर कब तक यह खेल खेला जायेगा।
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