*ग्लैंडर्स बीमारी की पुष्टि के बाद घोडे़ को मारकर किया गया दफन*


गिलौला (श्रावस्ती)। औरैया निधान के दो घोड़ों में ग्लैडर्स बीमारी की पुष्टि के बाद पशुपालन विभाग में हड़कंप मच गया। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद गांव पहुंची पशुपालन विभाग की टीम ने दोनों घोड़ों को मारकर जमीन में दफन करा दिया।
गिलौला के औरैया निधान गांव से 20 घोड़ों का सीरम सैंपल लेकर जांच के लिए हरियाणा के हिसार भेजा गया था। इन घोड़ों के नाक से न सिर्फ पीला पानी आ रहा था। बल्कि इनके मुंह से लार भी बह रही थी। इनके खुर में पीले दाने व आंख में सूजन भी थी। ये घोड़े काफी सुस्त हो गए थे। ये सभी लक्षण ग्लैडर्स बीमारी के प्रतीत हो रहे थे। घोड़े के मालिकों की सूचना पर गांव पहुंची पशुपालन विभाग की टीम ने इनका सैंपल लिया था। जिसकी रिपोर्ट आने पर औरय्या निधान निवासी करामत अली व इरफान अली के एक-एक घोड़े में ग्लैडर्स की पुष्टि हुई।


इसके बाद गांव पहुंचे पशु चिकित्साधिकारी गिलौला सुधीर कुमार ने दोनों घोड़ों को इंजेक्शन देकर मारने के बाद उन्हें गांव के बाहर दफन करा दिया। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग प्रत्येक माह 20 घोड़ों का सीरम सैंपल हरियाणा के हिसार भेजता है। चूंकि ग्लैडर्स लाइलाज बीमारी है और इसके बैक्टीरिया फैलने से महामारी की आशंका रहती है। ये बर्ड फ्लू व चिकनगुनिया से भी अधिक घातक है। ऐसे में जिन घोड़ों की ग्लैडर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है उन्हें मार दिया जाता है। घोड़ों को मारने के बाद पशुपालन विभाग मालिक को घोड़े की कीमत अदा करता है।


श्रावस्ती से रामकृष्ण वर्मा की रिपोर्ट

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