उतरौला (बलरामपुर)बाल विकास परियोजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति वर्तमान में दयनीय हो गई है। भले ही शासन द्वारा बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए पोषाहार दिया जा रहा है परन्तु नौनिहालों को मिलने वाली पोषाहार खुले आम पशु आहार के रूप में बेच दिया जाता है।
स्थानीय तहसील क्षेत्र के विकास खंड गैड़ास बुजुर्ग, श्रीदत्तगंज, उतरौला में दर्जनों आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े हैं। जबकि इसके लिए मुख्य सेविकाओं की नियुक्ति की गई है। जिनके जिम्मा केन्द्रों की जांच और सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए सामानों के वितरण को देखने सहित शिक्षा कार्य भी देखना होता है।जो शायद ही सेविकाएं करती हों सूत्रों की माने तो सिर्फ कागजों में ही निरीक्षण कर कोरम पूरा कर दिया जाता है। मजेदार बात तो यह है कि अधिकतर गांवों के लोगों को यह मालूम नहीं है कि गांव में कब और किस दिन बच्चों को पोषाहार वितरण किया जाता है।
अगर समय रहते इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो शासन का उक्त महत्वपूर्ण योजना कागजों तक ही सीमित होकर रह जायेगा।
बाल विकास परियोजना अधिकारी सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि कोविड 19 को लेकर सभी आंगनबाड़ी केंद्र फिलहाल बन्द चल रहे हैं।
असगर अली
उतरौला
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