काशी की परंपरा के अनुसार बाबा दरबार से लेकर शहर के मंदिरों में खिचड़ी भोग की परंपरा निभाई गई। वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर में पहली बार बाबा के खिचड़ी का भोग प्रसाद दंडी स्वामियों को नहीं मिला। गुरुवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मध्याह्न भोग आरती में बाबा को खिचड़ी भोग अर्पित किया गया। मंदिर कार्यालय के अनुसार परिसर में चल रहे निर्माण कार्य के कारण दंडी स्वामियों को भोजन कराने का इंतजाम नहीं हो सका।कोरोना संक्रमण के कारण मार्च से ही मंदिर परिसर में दंडी स्वामियों को भोग प्रसाद और दक्षिणा नहीं मिल रही है। वहीं विश्वनाथ गली के मुख्य गेट के सामने मौजूद खिचड़ी बाबा के मंदिर पर भी खिचड़ी के प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। यहां पर वर्ष भर सुबह प्रसाद के तौर पर खिचड़ी खिलाई जाती है। मकर संक्रांति पर तो कड़ाह पर कड़ाह लगातार खिचड़ी का अनवरत लंगर चलता रहा। शहर के अन्य मंदिरों में भगवान को भोग लगाने के बाद खिचड़ी के प्रसाद का वितरण शुरू हुआ तो हर-हर महादेव से मंदिरों का प्रांगण भी गूंज उठा।

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