जन्मकुंडली में  पितृदोष बनने के कारण 


अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद विधि विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए...




 या किसी परिवार में किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो जाए तो..... परिवार जन की कुंडली मे पितृ दोष का निर्माण हो जाता है.....





   पितृ दोष के कारण जीवन मे अनेक समस्याओं का सामान करना पड़ता है ..




संतान न होना.........




 जॉब में दिक्कत... व्यवसाय में 

बरकत (बचत) न हो। 





परिवार में तनाव बना रहता है....




  घर के सदस्यों को कोई ना कोई रोग लगा रहता है....



 घर के युवक-यु‍वतियों का विवाह न होना या विवाह समय पर  नही होता है...



 जीवन मे बार बार  धोखे मिलते है..... 




 जीवन मे बार बार घटनावों की  पुनरावृ‍त्ति होती रहती है....


शुभ मांगलिक कार्यक्रमों में विध्न बना रहता है..



जन्मपत्रिका में पितृ दोष बनने की अनेक ग्रहस्थिति होती है.....


जिनमे से कुछ ग्रह स्थिति....

चन्द्र राहू युति....होने पर......

सूर्य राहू युति...होने पर...

शनि राहू युति....होने पर..

गुरु राहू युति.....होने पर...



स्थिति अधिक भयावह हो जाती है जब जन्मपत्रिका में अन्य भी दोष बने हुए हो....


पितृ दोष शांति हेतू किसी प्रकार की बड़ी पूजा करवाने की कोई आवश्यकता नही है...


सरल उपाय द्वारा पितृ दोष शांत हो जाता है...


वह परिवार में खुश खुशियों का आगमन होता है.....



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