नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि उसने दो सहकारी बैंकों पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें से पांच लाख रुपये का जुर्माना व्यावसायिक सहकारी बैंक मर्यादित पर केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) और अन्य नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है। 

महाराष्ट्र नागरी सहकारी बैंक मर्यादित, लातुर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि रायपुर स्थित व्यावसायिक सहकारी बैंक मर्यादित पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक परिसर में एटीएम लगाने (ऑन-साइट एटीएम) और केवाईसी निर्देशों का उल्लंघन करने को लेकर यह जुर्माना लगाया गया है। एक अन्य विज्ञप्त में आरबीआई ने कहा कि महाराष्ट्र नागरी सहकारी बैंक मर्यादित पर जुर्माना केवाईसी के बारे में दिये गये निर्देशों का उल्लंघन को लेकर लगाया गया है।

शक्तिकांत दास के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

मालूम हो कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और स्टेट बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही शुरू कर उन्हें दंडित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में इन लोगों पर लोन मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट के तीन सितंबर 2020 के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया है।

पांच लाख से ज्यादा का चेक काटें तो बैंक को बताएं, तभी होगा भुगतान

वहीँ अगर आप पांच लाख रुपये य उससे अधिक की रकम का भुगतान चेक से कर रहे हैं तो आपको इस संबंध में बैंक को पहले सूचना देनी होगी। भुगतान पाने वाले का नाम, रकम की पूरी जानकारी बैंक को देने पर ही चेक क्लियर होगा। बैंक को सूचना न देने पर चेक डिसऑनर किया जा सकता है। बीते कुछ वर्षों में चेक क्लोनिंग और फ्रॉड के तमाम मामले सामने आए हैं। इससे बचने के लिए आरबीआइ की ओर से पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम (पीपीएस) को लागू किया जा रहा है। इसके तहत पहली जनवरी से पांच लाख या उससे अधिक की रकम के भुगतान के लिए ग्राहक को चेक संबंधी ब्योरा बैंक को पहले से देना होगा। 

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