पूत के पांव पालने में ही नजर आने लगते हैं, यह कहावत तो आप सबने जरूर सुनी होगी। एक बाल वैज्ञानिक ने नन्हें बच्चों के लिए सुरक्षित पालना तैयार कर इस कहावत को चरितार्थ कर दिया है। पालने में खेल रहे बच्चे को यदि कोई अनजान शख्स छूने या उठाने की करे तो बच्चे के अभिभावक को मोबाइल पर इसकी सूचना मिल जाएगी।

दरअसल इस अनोखे पालने में सेंसर लगाया गया है जो सीधे पिता या घर के अभिभावक के मोबाइल से जुड़ा होता है। कर्नलगंज इंटर कॉलेज में इंटर के छात्र कृष्ण कुमार शर्मा द्वारा तैयार इस पालने को एमएनएनआईटी में आयोजित तकनीकी उत्सव (अविष्कार) में मॉडल के तौर पर शामिल किया गया था। इस मॉडल को प्रथम स्थान दिया गया है।

कृष्ण कुमार ने बताया कि इस पालने में डीवीडी की लेंस से की पैड मोबाइल को कनेक्ट किया गया है। इस मोबाइल में पिता या घर के किसी अभिभावक के नंबर को कॉललाग किया है। साथ ही डीवीडी को सेंसर से जोड़ा गया है। इससे किसी अनजान व्यक्ति के पालने को छूने पर संबंधित मोबाइल की घंटी बजने लगेगी। यदि उस नंबर के लिए रिंगटोन अलग से सेट किया गया होगा तो उसे रिंगटोन से ही मालूम हो जाएगा कि पालने से फोन आ रहा है।

खास यह कि पालने में लगा मोबाइल फोन की बैट्री सौर उर्जा से भी चार्ज होती है। कृष्ण ने बताया कि इसे बनाने के लिए पुराने मोबाइल का की पैड इस्तेमाल किया गया है, इसलिए इसकी लागत काफी कम है। यदि नए फोन का उपयोग किया जाएगा तो पालना कुछ महंगा होगा।


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