मथुरा || जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा (उ.प्र.) का नौवां दीक्षांत समारोह अत्यन्त गरिमा एवं उल्लास के साथ गुरूवार को सम्पन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की कुल 18 गोल्ड और 18 सिल्वर मेडलिस्ट के साथ 2924 उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अलावा 54 छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।
समारोह का शुभारम्भ जीएलए कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल, प्रतिकुलाधिपति प्रो. दुर्ग सिंह चौहान एवं कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने माँ सरस्वती एवं प्रेरणास्त्रोत श्री गणेशीलाल अग्रवाल जी के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत शैक्षिक शोभायात्रा के आगमन से हुई, जिसमें कुलाधिपति, प्रतिकुलाधिपति, कुलपति एवं डीन एकेडमिक के साथ ही विश्वविद्यालय के कोर्ट, एग्जीक्यूटिव काउंसिल एवं एकेडमिक काउंसिल के सदस्य की अगवानी मुख्य सभागार में हुई। तत्पश्चात् कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह के प्रारम्भ की उद्घोषणा की। 
समारोह में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नई दिल्ली के चेयरमैन प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने दीक्षांत संबोधन की शुुरुआत सभी उपाधि प्राप्त करने वाले नवस्नातकों का उत्साहवर्धन, सभी शिक्षकों एवं छात्रों को बधाई देते हुए की। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने सभी का स्वागत किया। प्रतिकुलपति प्रो. आनंद मोहन अग्रवाल ने सभी स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया। 
कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने 18 छात्रों को गोल्ड मेडल से नवाजा। इसके बाद प्रतिकुलाधिपति ने भी 18 छात्रों को सिल्वर मेडल से नवाजा। कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता द्वारा विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने किया।  
कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल ने मुख्य अतिथि प्रो. डीपी सिंह को स्मृति चिन्ह् भेंट किया, जिसे मुख्य अतिथि की ओर से कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता के द्वारा ग्रहण किया गया। इसके बाद कुलपति ने कुलाधिपति एवं प्रतिकुलाधिपति को स्मृति चिन्ह् भेंटकर सम्मानित किया। तत्पश्चात् कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह के सम्पन्न होने की उद्घोषणा की गयी एवं शैक्षिक शोभायात्रा के प्रस्थान से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 
छात्रों की उपाधियों पर एक नजर
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) से वर्ष 2020 में उत्तीर्ण डीएससी के 1, पीएचडी के 28, बीएससी ऑनर्स बायोटेक 52, बीकॉम ऑनर्स 122, बीटेक सिविल इंजीनियरिंग 70,  
मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के नौंवे दीक्षांत समारोह में दीक्षांत संबोधन के दौरान मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नई दिल्ली के चेयरमैन प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षा ने हमेशा दुनिया को रास्ता दिखाया है। छात्रों द्वारा ग्रहण की गई शिक्षा छात्रों की विरासत है। यह आगे चलकर पहचान बनाएगी। हमेषा उत्साह के साथ इसका उपयोग करें और देश के समग्र विकास में अपना योगदान देना सुनिश्चित करें। 
प्रो. सिंह ने कहा कि हम कोविड-19 के कठिन दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि हमारे नए ऑनलाइन मिश्रित शिक्षण और अध्ययन ने हमें शिक्षा में परिवर्तन के नए डिजिटल युग में ला दिया है। छात्रों ने भी यह कठिन दौर आशावादी रूप से पार कर लिया है, क्योंकि हमारे यहां दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में युवा विद्यार्थी हैं। उन्होंने डिग्री धारकों और पदक हासिल करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण दिवस है और आपके विकास लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। 
उन्होंने नई शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि आप सभी जानते हैं, आखिरकार नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) पेश की गई है। एनईपी 2020, 1986 की पिछली नई शिक्षा नीति की जगह लेता है। यह नीति पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने का इरादा रखती है। यही नहीं बल्कि यह नीति उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के पदचिह्नों के लिए रोडमैप तैयार करती है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद पर भी अपने विचार प्रकट किए। साथ ही यूजीसी के चेयरमैन ने पं. मदन मोहन मालवीय पर अपने विचार प्रकट करते हुए बनारस हिन्दू विष्वविद्यालय का भी जिक्र किया। 
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नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को विकसित कर रहे छात्र
यूजीसी के चेयरमैन ने कहा कि जानकारी के अनुसार जीएलए विश्वविद्यालय का अपना (न्यू जेनरेशन इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेंटर) है, जिसका उद्देश्य युवा विज्ञान और प्रौद्योगिकी छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को विकसित करना है। इसके माध्यम से स्टार्ट-अप निर्माण को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना है। विश्वविद्यालय ने रिसर्च के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर योगदान दिया है और आत्मनिर्भर भारत में भागीदारी की है। 
जीएलए द्वारा गोद लिए स्कूलों के विकास की यूजीसी चेयरमैन ने की सराहना
जीएलए ने आसपास के 5 गांवों को गोद लेकर कई गांवों के हजारों बच्चों के जीवन में काफी महत्वपूर्ण बदलाव किया होगा, जिन्हें बेहतर स्वच्छता, बेहतर स्कूली शिक्षा, बेहतर पानी की सुविधा, उनकी गुणवत्ता और प्रकृति के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता प्राप्त हुई होगी।

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