अम्बेडकरनगर।स्थानीय तहसील आलापुर अंतर्गत ग्राम सभा इंदुईपुर में तहसील प्रशासन के लचर रवैया से पीड़ित राम विलास दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है और अपने ही जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण को रोकने की मांग लगातार शासन प्रशासन से कर रहा है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है बल्कि पीड़ित को तहसील प्रशासन द्वारा लगातार गुमराह किया जा रहा है। पीड़ित का आरोप है कि ग्राम सभा इंदुईपुर में बंजर खाते में दर्ज गाटा संख्या 91 जिसकी पुरानी गाटा संख्या 123/2 के बाबत पीड़ित के पिता स्वर्गीय रामफेर पुत्र चीथर चकबंदी अधिनियम की धारा 9 क(2) में मुकदमा किया गया था। जिसमें 10 मार्च 1978 को आदेश पारित किया गया था कि उक्त आराजी बंजर के खाते से खारिज होकर रामफेर पुत्र चीथर के नाम दर्ज हो। उक्त आदेश न्यायालय चकबंदी अधिकारी रामनगर द्वारा पारित किया गया था। आदेश का अंकन चकबंदी के आकार पत्र 23 पर दर्ज है परंतु चकबंदी अहलकारान की गलती से उक्त आराजी आकार पत्र 41 व आकार पत्र 45 में पीड़ित के पिता के नाम ना दर्ज होकर बंजर के खाते में दर्ज हो गई।पीड़ित के पिता अपने जीवन प्रयन्त यह जानते रहे कि उक्त आराजी उनके नाम दर्ज है। यही बात पीड़ित भी जानता रहा। परंतु जब पीड़ित को पता चला कि उक्त आराजी बंजर के ही खाते में दर्ज है उसके पिता के नाम नहीं दर्ज सकी। पिता के मरने के बाद जब वह पीड़ित के नाम नहीं दर्ज हुआ तो पीड़ित ने कागजात दुरुस्ती करण का प्रार्थना पत्र दिया। जांच आख्या अदालत पर प्रेषित होने पर मुकदमा रामविलास बनाम गांव सभा का कागजात दुरुस्ती करण का अदालत पर चल रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी अब्दुल समद पुत्र गफ्फार द्वारा उक्त जमीन पर 12 सितंबर 2020 को पौधे लगाकर नीव खोदने की फिराक में था। जिस पर पीड़ित ने उपजिलाधिकारी आलापुर को 14 अगस्त 2020 को प्रार्थना पत्र देकर अवैध अतिक्रमण हटवाने की मांग किया। पीड़ित का आरोप है कि उपजिलाधिकारी द्वारा मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया और न ही अभी तक आदेश के बाद भी उक्त आराजी पर नाम दर्ज हो सका है।

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