बीएचयू और जेएनयू के वैज्ञानिकों ने तपेदिक (टीबी) और मलेरिया के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण शोध किया है जिससे दवाई से ठीक नहीं होने वाली ड्रग रेजिस्टेंट टीबी के मरीजों के उपचार में मदद मिल सकती है।  

बीएचयू के रसायन विज्ञान विभाग और जेएनयू के स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन में चार वर्षो तक चले शोध के नतीजे से भविष्य में ऐसी दवाइयां  विकसित की जा सकती हैं जो दवा प्रतिरोधक टीबी और मलेरिया के उपचार में कारगर हों। इस शोध में 22 अनुभवी और युवा वैज्ञानिकों ने योगदान किया है। शोध में बीएचयू के रसायन विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. रामसागर मिश्र और जेएनयू के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन, प्रोफेसर गोबर्धन दास एवं शैलजा सिंह ने मुख्य भूमिका 

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