मथुरा || छाता में आगरा मंडल की एकमात्र शुगर फैक्ट्री पिछले नौ वर्षों से बंद पड़ी है। बसपा सरकार में बंद की गई। अब मथुरा जिले के किसान प्रदेश की योगी सरकार से शुगर मिल चालू होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
आगरा मंडल की इकलौती शुगर मिल
उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लिमिटेड की ओर से 1975 में मथुरा-दिल्ली रोड के पास छाता शुगर मिल को स्थापित किया गया था। ये फैक्ट्री पूरे आगरा मंडल की इकलौती शुगर मिल थी। इस मिल में प्रतिदिन ढाई हजार बोरी चीनी का उत्पादन किया जाता था। करीब 100 एकड़ जमीन में बनी इस मिल ने गन्ना पिराई के कई रिकॉर्ड भी बनाए। साढ़े 41 लाख क्विंटल गन्ना एक सत्र में पेराई का रिकॉर्ड छाता शुगर मिल के ही नाम है। जिले के कुल 46 हजार किसान इस शुगर मिल को गन्ना देते थे।
घाटा बताकर बंद की गई थी शुगर मिल
गन्ना खरीद के 36 केंद्र जिले के अलग-अलग स्थानों में बने हुए थे। जहां से गन्ना खरीद कर फैक्ट्री तक पहुंचाया जाता था। तमाम रिकॉर्ड बनाने के बाद भी सन 2008-09 पेराई सत्र में तत्कालीन बसपा सरकार में शुगर मिल को घाटे में बताकर बंद कर दिया गया। जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक छाता शुगर मिल की अर्जित आय से तो ऐसे ही एक और शुगर मिल की स्थापना हुई थी घाटमपुर में। लेकिन फिर भी छाता शुगर मिल को सरकार की ओर से पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं मिला। नतीजन 2009 के बाद से फैक्ट्री से धुआं निकलना बंद हो गया। तब से आज तक यह फैक्ट्री कबाड़खाने में तब्दील होती चली गई।
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