वर्ष के अंतिम दिन बाबा कालभैरव का रुद्राक्षमयी अन्नकूट शृंगार गुरुवार को किया गया। बाबा को पांच मन छप्पन भोग भी अर्पित किया गया। इस मौके पर काशी के कोतवाल के मंदिर को रुद्राक्ष के पांच लाख दानों से सजाया गया।

मंदिर में जिधर भी नजर जाती सिर्फ रुद्राक्ष ही नजर आ रहे थे। मुख्य मंडप के आठों खंभों, गर्भगृह के द्वार से लेकर परिक्रमा पथ पर रुद्राक्ष से बने झाड़-फानुस भी लटकाए गए। गर्भगृह से लेकर मुख्य मंडप की सीढ़ी तक छप्पन भोग की झांकी सजाई गई। बाबा को विभिन्न प्रकार के मिष्ठान, नमकीन और खाद्य पदार्थों का भोग अर्पित किया गया। इससे पूर्व ब्रह्म मुहुर्त में मंदिर के पं. काशीनाथ दुबे ने बाबा कालभैरव को पंचामृत स्नान कराया। उन्हें नवीन वस्त्र और आभूषण धारण कराने के बाद उनके प्रिय पदार्थों का भोग अर्पित किया गया। पं. सुनील दुबे और पं. अनिल दुबे ने मिलकर बाबा की महाआरती उतारी। रुद्राक्षयमी अन्नकूट शृंगार का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण मंदिर पहुंचे। सभी भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दर्शन-पूजन कराया गया। गर्भगृह में किसी को भी प्रवेश की इजाजत नहीं थी।

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