ब्यूरो चीफ विकास कुमार निषाद की रिपोर्ट
 अंबेडकरनगरराजेसुल्तानपुर सरयू नदी के कम्हरिया घाट पर बने पीपा पुल से एक बार फिर आवागमन शुरू हो गया है। हालांकि इस बार नदी में अतिरिक्त पीपा लगाने के चलते निर्धारित तिथि 15 नवंबर से आवागमन शुरू नहीं हो सका। लगभग दो माह देरी से नागरिकों को आवागमन की सुविधा मिली है। इस पुल से होकर अब 15 जून तक न सिर्फ अंबेडकरनगर वरन आसपास जनपदों के नागरिक आवागमन सुचारु ढंग से कर सकेंगे।सरयू नदी के कम्हरिया घाट पर पीपा पुल से आवागमन छह से सात माह तक प्रत्येक वर्ष होता है। इस पुल से आवागमन होने पर अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, जौनपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर, संतकबीरनगर, महाराजगंज आदि जनपद के यात्रियों को काफी सुविधा मिलती है। इस पुल के चालू रहने से संबंधित जिले के यात्रियों को 40 से 50 किलोमीटर की दूरी कम तय करनी पड़ती है। वर्ष के लगभग सात माह इस पुल से आवागमन रहता है। नदी में जलस्तर अधिक रहने के चलते पीपा पुल से 15 जून से 15 नवंबर तक आवागमन बंद रहता है। जलस्तर घटने पर आवागमन शुरू होता है।इस बार जलस्तर अधिक होने के चलते निर्धारित तिथि से पीपा पुल से आवागमन शुरूनहीं हो सका। पुल शुरू करने के लिए 21 पीपे की आवश्यकता थी। आम नागरिकों की मांग पर पीपे के पुल को चालू करने की कवायद शुरू हुई। परंतु निर्माण कार्य इतना शिथिल रहा कि विलंब हो गया। नतीजा यह हुआ कि चार पहिया वाहन चालकों को मजबूर होकर बिहड़हर घाट के रास्ते संतकबीरनगर होते हुए गोरखपुर जाना पड़ा। इससे उन्हें 40 से 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी पड़ी। स्थानीय शिवकुमार, मनीराम, जगदंबा व महेश कुमार आदि ने पीपा पुल शुरू होने में देरी पर नाराजगी भी जताई।
इस बीच निर्धारित 15 नवंबर के सापेक्ष लगभग दो माह विलंब से पीपा पुल से एक बार फिर आवागमन शुरू हो गया है। सभी पीपों को एक दूसरे से जोड़कर अभियंताओं ने देर शाम से आवागमन को हरी झंडी दे दी। इसके बाद इस पुल से होकर आम नागरिकों का सुचारु आवागमन शुरू हो गया।

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