NCR News: दो दिन पहले अमेरिकी संसद में तिब्बत नीति और समर्थन कानून पास हुआ है और अब रविवार से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित सरकार के नेता चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चीन की विस्तारवाद की नीति को बड़ा झटका लग सकता है। इसके लिए वैश्विक प्रेक्षक भी तैनात किए गए हैं। दरअसल, चीन को हमेशा से डर रहा है कि तिब्बत में सबसे अहम माने जाने वाले दलाई लामा और भारत मिलकर चीन में अस्थिरता ला सकते हैं।इधर, तिब्बती 17वीं संसद के लिए अपना सिक्योंगे (निर्वासित सरकार का प्रमुख) चुनने जा रहे हैं।

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