अब बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत संविदाकर्मी या सेवाप्रदाता कर्मियों का भुगतान समय से होगा। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद लगभग दो लाख कर्मियों को न सिर्फ समय से मानदेय मिलेगा बल्कि उन्हें विभागीय कार्यालयों के शोषण से भी मुक्ति मिलेगी।  

अभी तक राज्य स्तर से मानदेय का बजट तो समय से भेज दिया जाता है लेकिन जिलों में दो-दो महीने तक मानदेय लटका रहता है। अब शिक्षामित्र व अनुदेशक के मानदेय के लिए हर महीने की एक से तीन तारीख तक खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रधानाध्यापक से उपस्थिति प्राप्त कर मानदेय बिल गूगल शीट पर तैयार करेंगे और इसे आधिकारिक रूप से चार से पांच तारीख के बीच परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे। जिला समन्वयक इस बिल का परीक्षण कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व सहायक वित्त व लेखाधिकारी के सामने पांच तारीख को रखेंगे और इस बिल को पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड कर बैंक में हस्तांरण के लिए सात से 10 तारीख तक भेजा जाएगा। 

इसी तरह कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों की उपिस्थिति प्रेरणा पेार्टल से ली जाएगी। इनका मानदेय पांच से छह तारीख तक बैंक को भेजा जाएगा। सेवा प्रदाता के माध्यम से रखे गए कर्मियो का मानदेय भी पांच से सात तारीख तक बैंक में भेजा  जाएगा। स्कूलों में रिसोर्स-इन्टीरेंट शिक्षकों की उपिस्थिति के मुताबिक जिला समन्वयक-समेकित बिल तैयार करेंगे और चार से पांच तारीख तक बैंक में मानदेय पहुंच जाएगा।  

 शिक्षामित्रों की मानदेय की समस्या का हल सरकार ने कर दिया है। हमें आशा है कि सरकार हमारी अन्य समस्याओं का समाधान भी इसी तरह करेगी।  
-जितेंद्र शाही, अध्यक्ष, आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने