भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने के अभियान का आगाज आज से हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राम मंदिर के लिए सबसे पहले चंदा देकर इस अभियान की शुरुआत की. उन्होंने राम मंदिर के लिए चेक से पांच लाख एक सौ रुपये का चंदा दिया है. राष्ट्रपति कोविंद ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा की धनराशि निधि मंदिर ट्रस्ट को सौंपी है. आइए जानते हैं राम मंदिर के लिए लाखों में चंदा देने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कितनी सैलरी पाते हैं और उन्हें क्या सुविधाएं मिलती हैं.कितनी है कितनी है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सैलेरी
राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च नागरिक होता है. इस पद पर जो भी व्यक्ति होता है उन्हें अच्छे वेतन के अलावा कई सुविधाएं मिलती है. वर्तमान में भारत के 14 वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं. वह 5 लाख रुपये वेतन पाते हैं. वैसे बता दें कि 2017 तक राष्ट्रपति को प्रति माह 1.50 लाख रुपये बतौर वेतन मिलते थे जो देश के शीर्ष नौकरशाहों, उच्च प्रमुखों और कैबिनेट मंत्रियों की तुलना में कम था. लेकिन संसद अधिनियम 1954 वेतन, भत्ते और पेंशन में 2018 में संशोधन हुआ. इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति की सैलरी पांच लाख हर महीने की कर दी गई. यानी अब भारत के राष्ट्रपति की तनख्वाह 5 लाख रुपये प्रतिमाह होती है. सबसे खास बात यह है कि यह सैलरी टैक्स फ्री होती है.
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