अंबेडकर नगर । हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने की चतुर्थी तिथि को पुत्रवती महिलाओं के द्वारा अपने पुत्रों की खुशहाली एवं परिवार की सलामती के लिए चौथ का निर्जला व्रत रखा जाता है। संकट चौथ व्रत के नाम से जाना जाने वाला यह व्रत इस बार पुत्रवती महिलाओं के द्वारा रविवार 31 जनवरी को रखा जाएगा।इस दिन व्रती महिलाएं ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी की वंदना के साथ चंद्र देव की भी पूजा करती हैं। इस व्रत में तिल व नये गुड़ के साथ लाल साबुत शकरकंद (गंजी) के प्रसाद के साथ पूजा करने की विशेष मान्यता है। तिल तथा गुड़ से बने हुए लड्डू तथा लाल शकरकंद, गुड़ और घी के दीपक , फूल, धूपबत्ती व अन्य पूजा सामग्री के साथ व्रती महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रहते हुए शाम को नहा धोकर नए वस्त्र धारण कर छत ,आंगन या ऐसी जगह पर पहुंचती हैं जहां से चंद्र देव का दर्शन हो जाए। चंद्र देव का दर्शन होने के साथ ही महिलाएं देवताओं में अग्रणी स्थान रखने वाले श्री गणेश जी की स्तुति करते हुए चंद्रदेव को अर्घ्य के बीच पूजा आरंभ करती हैं। साथ ही श्री गणेश एवं चंद्र देव से अपने पुत्रों एवं परिवार की खुशहाली के लिए भी प्रार्थना करती हैं। और इससे संबंधित कथा भी कहती हैं। इसके बाद पूजा आराधना में चढ़ाया हुआ तिल गुड़ से बने लड्डू एवं लाल शकरकंद (गंजी) का प्रसाद परिवार में वितरण कर स्वयं यही प्रसाद ग्रहण कर जल पीती हैं। और दूसरे दिन व्रत का पारण करती हैं।इस भीषण ठंड में शाम के समय स्नान कर खुले आसमान के नीचे विघ्नहर्ता गणेश जी एवं चंद्र देव की की जाने वाली महिलाओं के द्वारा पूजा आराधना तप के समान ही प्रतीत होती हैं।व्रत के दौरान संकट मोचन का पाठ करना उत्तम एवं फलदाई माना गया है। इस व्रत के दिन कई जगह तिलकुट का पहाड़ बनाकर, उसको काट कर, उसकी भी पूजा करने की परंपरा है।इस व्रत में लाल शकरकंद (गंजी) का महत्व होने के चलते इन दिनों इसकी मांग भी ज्यादा रहती है। और इसके व्यपारी साबुत लाल शकरकंद अन्य शकरकंदो से अलग रखकर इसकी मन मुताबिक कीमत भी वसूल करते हैं। हालांकि 1 दिन के व्रत व इस व्रत में लाल साबुत शकरकंद की आवश्यकता होने के कारण इसको खरीदने वाले श्रद्धालु दुकानदारों की मुंह मांगी कीमत अदा कर शकरकंद (गंजी) को खरीदते हैं। 1 दिन के लिए रखे जाने वाले व्रत में लाल साबुत शकरकंद की आवश्यकता के कारण 20 से 40 के बीच बिकने वाली शकरकंद (गंजी)100 रपये से लेकर 150 रुपए किलो के बीच भी बिक रही है तो कहीं कहीं से पांच रूपये पीस भी बेचा जा रहा है।

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