सन् 2005 में जफराबाद थाना क्षेत्र के उतरगांवा गांव में ओमकार नामक व्यक्ति की हत्या हो गयी थी। पुलिस ने इस मामले में उसकी पत्नी शनतारा देवी को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था। कोर्ट ने उसे दोषि पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई था। छः साल तक शनतारा जिला जेल जौनपुर में रही। उसके बाद उसे लखनऊ के आदर्श कारागार में शिफ्ट कर दिया गया। यहां पर दस साल तक सजा काटने के बाद इसी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल की संस्तुति पर शनतारा देवी को लगभग सोलह साल बाद सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया। शुक्रवार को तड़के सुबह लखनऊ पुलिस उक्त महिला को लेकर जफराबाद थाने पहुॅची और यहां से जफराबाद पुलिस के साथ उसके ससुराल उत्तरगावां पहुॅची। ससुराल में मौजूद महिला की सास शांति देवी, ससुर सुखदास व पांच बेटियों ने उसे घर से यह कहते हुए बाहर कर दिया कि तुम ने हमारे बेटे को मारा है। हम तुम्हें अपने साथ नही रहने देंगे। कुछ देर तक महिला शनतारा ने लोगो से मिन्नत की हमे यही रहने दिया जाये लेकिन जब परिवार के लोग नही तैयार हुए तो वह गांव के ही कुछ सभांत लोगो के साथ अपने मायके प्रधानपुर थाना जलालपुर चली गई। पिता के मौत के गम में जब बेटियों ने भी शनतारा को घर से बाहर निकलने के लिए अपना फरमान सुनाया तो शनतारा काफी अशांत हो गई और परिवार के ही तीन सदस्यों के साथ अपने मायके चली गई। इस घटना की चर्चा दिनभर पूरे क्षेत्र में होती रही।
ब्यूरो चीफ अमित कुमार श्रीवास्तव जौनपुर
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