NCR News: दिल्ली के रोहिणी में रहने वाली धनिष्ठा 8 जनवरी की शाम को खेलते समय फर्स्ट फ्लोर की बालकनी से गिर गई थी। धनिष्ठा की चोट गहरी थी। माता-पिता उसे लेकर सर गंगाराम हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। लेकिन, 11 जनवरी को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।महज 20 महीने बाद जानलेवा हादसे का शिकार हुई धनिष्ठा देश की सबसे छोटी ऑर्गन डोनर बन गई है। अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद माता-पिता ने उसके ऑर्गन डोनेेट करने का फैसला लिया। धनिष्ठा के हार्ट, किडनी, लिवर और दोनों कॉर्नियां से पांच बच्चों को नई जिंदगी मिली।आशीष ने कहा, 'हमारी बेटी ब्रेन डेड हो चुकी थी, इसलिए मैंने डॉक्टर से पूछा कि क्या हम बच्ची के अंग दान कर सकते हैं? इस पर उन्होंने जबाव दिया कि आप बिलकुल ऐसा कर सकते हैं। मैंने और मेरी पत्नी ने तय किया कि हम दूसरे बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी बेटी को दफनाने की बजाय उसकी देह दान करेंगे। कम से कम हमें इस बात की संतुष्टि रहेगी कि हमारी बेटी उनमें अब भी जिंदा है।

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