बाराबंकी। जिले के 17 धान खरीद केंद्र बिना सूचना के बंद कर दिए गए। जबकि यहां पर किसानों को टोकन दिया गया था, धान के चट्टे लगवाए गए थे और महीनों से कई ट्रॉलियां तौल के इंतजार में खड़ी थीं। हालात इतने खराब हुए कि महीनों बाद किसान अपना धान लेकर अब जाएं तो कहां। उसकी कोई सुनने वाला नहीं है।
अफसर कहते हैं कि शासन के आदेश पर खरीद बंद की गई है। मगर इन केंद्रों पर जो टोकन जारी किए गए हैं उसकी खरीद कहां होगी, इसका आदेश जारी नहीं किया गया है। वहीं धान खरीद को लेकर कागजों पर खूब आंकड़ेबाजी भी की जा रही है। किसानों से भले ही कम खरीद की जा रही हो लेकिन कागजों पर पूरी खरीद चढ़ाई जा रही है।शासन ने निर्धारित लक्ष्य 1 लाख 30 हजार एमटी को हासिल करने के लिए जिले में 56 धान खरीद केंद्र खोले। इनके माध्यम से अब तक करीब 1 लाख 48 हजार एमटी धान की खरीद की जा चुकी है। कई जगह लक्ष्य पूरा और पैसा न होने के बात कहकर खरीद बंद कर दी गई। यूपीएसएस के 6, एफसीआई के एक, यूपीसीयू के 9 और यूपी एग्रो के एक केंद्र इस तरह से 17 केंद्रों पर धान खरीद पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
लेकिन जिन किसानों को महीनों पहले टोकन जारी किए गए थे उनका धान आज भी नहीं तौला गया है और वह अपने धान की तौल कराने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। इन किसानों की बात कोई सुनने को तैयार नहीं है। इससे इन किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आज तक नहीं वापस की बोरी और पैसा
रामनगर अंतर्गत ददौरा में खोले गए धान खरीद केंद्र पर जमकर मनमानी की जा रही है। किसान राममिलन का आरोप है कि एक माह तक उनका धान नहीं तौला गया। जब तौला गया तो उनसे डीजल लिया गया, धान भरने के लिए 63 बोरियां ली गई और तौलाई के नाम पर पैसा भी लिया गया। लेकिन आज तक न तो बोरी ही वापस की गई हैं और न ही जो पैसा लिया गया था वह वापस किया गया है। वहीं किसान गिरिराज का आरोप है कि आधा धान तौला गया और आधा वापस कर दिया गया जिसकी तौल आज तक नहीं की गई। अब ये धान लेकर वह कहां जाएंपहले का तौल गया अब कह रहे उठा ले जाओ धान
सुल्तानापुर धान खरीद केंद्र पर तैनात प्रभारी की मनमानी चरम पर है। कांपफतेउल्लापुर के किसान राजनरायन का आरोप है कि उनका धान क्रय केंद्र पर लगा हुआ है। धान की तौल कराने के लिए कई बार टोकन दिया गया। 8 जनवरी को कहा गया कि धान तौल गया है। लेकिन अब फोन करके कहा जा रहा है कि धान की तौल नहीं पाएगी अपना धान उठा ले जाओ। जबकि ऐसे कई किसान हैं जिनको टोकन दिए जाने के बाद भी धान नहीं तौला जा रहा है। जिससे ये किसान काफी परेशान हैं और इनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है।
कागजों पर हो रही जमकर आंकड़ेबाजी
क्रय केंद्रों पर भले ही किसान धान की तौल कराने के लिए धक्के खा रहा हो लेकिन कागजों पर जमकर आंकड़ेबाजी की जा रही है। आरोप है कि प्रत्येक कांटे पर प्रतिदिन तीन सौ क्विंटल की धान खरीद कागजों पर चढ़ाई जा रही है जबकि हकीकत इससे इतर है। एक कांटे पर एक दिन में डेढ़ सौ से दो सौ क्विंटल धान की खरीद की जा रही है। जबकि कागजों पर पूरी खरीद दिखा मिलर्स के कागज चढ़ाए जा रहे हैं।
जिले के 17 धान खरीद केंद्रों पर शासन से मिले आदेश की बात कहकर केंद्र प्रभारियों ने खरीद पूरी तरह से बंद कर दी गई है। मामला जानकारी में आने के बाद जिन किसानों का धान रह गया है उनका धान निकट के केंद्र पर तौलाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं जिन केंद्रों पर अनियमितता की शिकायतें मिली हैं उनकी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-संतोष कुमार द्विवेदी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी
अफसर कहते हैं कि शासन के आदेश पर खरीद बंद की गई है। मगर इन केंद्रों पर जो टोकन जारी किए गए हैं उसकी खरीद कहां होगी, इसका आदेश जारी नहीं किया गया है। वहीं धान खरीद को लेकर कागजों पर खूब आंकड़ेबाजी भी की जा रही है। किसानों से भले ही कम खरीद की जा रही हो लेकिन कागजों पर पूरी खरीद चढ़ाई जा रही है।शासन ने निर्धारित लक्ष्य 1 लाख 30 हजार एमटी को हासिल करने के लिए जिले में 56 धान खरीद केंद्र खोले। इनके माध्यम से अब तक करीब 1 लाख 48 हजार एमटी धान की खरीद की जा चुकी है। कई जगह लक्ष्य पूरा और पैसा न होने के बात कहकर खरीद बंद कर दी गई। यूपीएसएस के 6, एफसीआई के एक, यूपीसीयू के 9 और यूपी एग्रो के एक केंद्र इस तरह से 17 केंद्रों पर धान खरीद पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
लेकिन जिन किसानों को महीनों पहले टोकन जारी किए गए थे उनका धान आज भी नहीं तौला गया है और वह अपने धान की तौल कराने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। इन किसानों की बात कोई सुनने को तैयार नहीं है। इससे इन किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आज तक नहीं वापस की बोरी और पैसा
रामनगर अंतर्गत ददौरा में खोले गए धान खरीद केंद्र पर जमकर मनमानी की जा रही है। किसान राममिलन का आरोप है कि एक माह तक उनका धान नहीं तौला गया। जब तौला गया तो उनसे डीजल लिया गया, धान भरने के लिए 63 बोरियां ली गई और तौलाई के नाम पर पैसा भी लिया गया। लेकिन आज तक न तो बोरी ही वापस की गई हैं और न ही जो पैसा लिया गया था वह वापस किया गया है। वहीं किसान गिरिराज का आरोप है कि आधा धान तौला गया और आधा वापस कर दिया गया जिसकी तौल आज तक नहीं की गई। अब ये धान लेकर वह कहां जाएंपहले का तौल गया अब कह रहे उठा ले जाओ धान
सुल्तानापुर धान खरीद केंद्र पर तैनात प्रभारी की मनमानी चरम पर है। कांपफतेउल्लापुर के किसान राजनरायन का आरोप है कि उनका धान क्रय केंद्र पर लगा हुआ है। धान की तौल कराने के लिए कई बार टोकन दिया गया। 8 जनवरी को कहा गया कि धान तौल गया है। लेकिन अब फोन करके कहा जा रहा है कि धान की तौल नहीं पाएगी अपना धान उठा ले जाओ। जबकि ऐसे कई किसान हैं जिनको टोकन दिए जाने के बाद भी धान नहीं तौला जा रहा है। जिससे ये किसान काफी परेशान हैं और इनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है।
कागजों पर हो रही जमकर आंकड़ेबाजी
क्रय केंद्रों पर भले ही किसान धान की तौल कराने के लिए धक्के खा रहा हो लेकिन कागजों पर जमकर आंकड़ेबाजी की जा रही है। आरोप है कि प्रत्येक कांटे पर प्रतिदिन तीन सौ क्विंटल की धान खरीद कागजों पर चढ़ाई जा रही है जबकि हकीकत इससे इतर है। एक कांटे पर एक दिन में डेढ़ सौ से दो सौ क्विंटल धान की खरीद की जा रही है। जबकि कागजों पर पूरी खरीद दिखा मिलर्स के कागज चढ़ाए जा रहे हैं।
जिले के 17 धान खरीद केंद्रों पर शासन से मिले आदेश की बात कहकर केंद्र प्रभारियों ने खरीद पूरी तरह से बंद कर दी गई है। मामला जानकारी में आने के बाद जिन किसानों का धान रह गया है उनका धान निकट के केंद्र पर तौलाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं जिन केंद्रों पर अनियमितता की शिकायतें मिली हैं उनकी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-संतोष कुमार द्विवेदी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी
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