गोंडा जिले में कार्यरत शिक्षिका के शैक्षिक अभिलेख पर नौकरी हथियाने वाली फर्जी शिक्षिका का खुलासा हुआ है। बस्ती के बनकटी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बोदवल में प्रधानाध्यापिका पद पर कार्यरत फर्जी शिक्षिका की सेवा समाप्त करने के साथ ही बीएसए ने बीईओ बनकटी को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए है। साथ ही अब तक आहरित वेतन की रिकवरी के लिए नियमानुसार प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 

शासन के निर्देश पर शिक्षिकों के पैनकार्ड सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। बेसिक शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले के आधा दर्जन से अधिक शिक्षक इस फर्जीवाड़े में अब तक बर्खास्त किए जा चुके हैं। इसके साथ ही विभागीय स्तर से चिह्नित संदिग्धों का वेरीफिकेशन और जांच कराई जा रही है। इस सूची में बनकटी ब्लॉक के बोदवल प्राइमरी में तैनात प्रधानाध्यापिका निर्मला देवी का नाम भी शामिल था। 


पैनकार्ड पूरी तरह बदले जाने के कारण जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि 2010 से कार्यरत फर्जी शिक्षिका ने इसी नाम की असली शिक्षिका निर्मला देवी का पता ही अपने अभिलेख में दर्ज किया था। गोंडा के मनकापुर थानांतर्गत हथनीखास की रहने वाली निर्मला देवी का मायका बस्ती के परसरामपुर में है। जांच में बनकटी में कार्यरत फर्जी शिक्षिका संदेह के दायरे में आई तो नोटिस गोंडा के पते पर भेजा गया। असली शिक्षिका को तब जाकर इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई और बीएसए कार्यालय बस्ती को इसकी जानकारी दी। बीएसए स्तर से गठित टीम ने जब शैक्षिक अभिलेखों की जांच शुरू की तो दूसरे के नाम पर नौकरी हथियाने की सच्चाई सामने आ गई। 

भनक लगते ही गायब हो गई फर्जी शिक्षिका 
बस्ती के बनकटी ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल बोदवल में कार्यरत फर्जी शिक्षिका निर्मला देवी जुलाई 2020 से ही गायब चल रही हैं। पैनकार्ड सत्यापन के दौरान रडार पर आने के बाद से ही गायब शिक्षिका का असली पता फिलहाल विभाग के पास भी नहीं है। कारण उसने असली शिक्षिका का ही पता दर्ज किया था। बीएसए स्तर से हुई जांच में यह साफ हो गया कि बोदवल प्राइमरी में कार्यरत प्रधानाध्यापिका निर्मला ने गोंडा के विकास खंड छपिया के प्राथमिक विद्यालय तालागंज ग्रांट में कार्यरत शिक्षिका के प्रमाणपत्रों का गलत तरीके से प्रयोग कर नौकरी हथियाई है। उसे बर्खास्त कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है। 

पैन कार्ड सत्यापन के दौरान बनकटी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बोदवल की प्रधानाध्यपिका निर्मला देवी संदेह के घेरे में आने के बाद जांच शुरू कराई गई। जांच में इस बात की पुष्टि हो गई कि उन्होंने गोंडा के छपिया ब्लॉक में कार्यरत शिक्षिका के प्रमाण पत्रों का गलत प्रयोग कर फर्जी तरीके से नौकरी हासिल की थी। फर्जी शिक्षक को बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज कराने और वेतन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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