मैं पहले राम भक्त हूं, इसके बाद प्रदेश का उप मुख्यमंत्री हूं। राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे राष्ट्र का सहयोग लिया जा रहा है। मंदिर आंदोलन में बीते 500 वर्षों में पांच पीढ़ियों ने बलिदान दिया है। ऐसे में मंदिर सभी का रहे इसलिए यह सहयोग लिया जा रहा है। यह बातें प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को अलोपीबाग आश्रम में कही। राम मंदिर निर्माण के लिए उप मुख्यमंत्री ने अपने 30 माह का वेतन जो लगभग 11 लाख रुपये है, श्रीराम जन्म भूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय व सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को सौंपा।

इस दौरान डिप्टी सीएम ने एक करोड़ एक लाख रुपये का चेक लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों की ओर से सौंपा। इसके अतिरिक्त तमाम संस्थाओं ने कुल मिलाकर एक करोड़ 498 लाख 794 रुपये का अतिरिक्त चेक भाजपा नेताओं व अन्य पदाधिकारियों की ओर से श्रीराम मंदिर के नाम समर्पित किया। डिप्टी सीएम ने राम मंदिर को राष्ट्र का मंदिर बताया। उन्होंने कहा कि हर हिन्दू इसके लिए अपने स्वाभिमान का परिचय दे। कहा कि राम भक्तों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुना। लंबे आंदोलन के बाद सुप्रीम कोर्ट से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ है। डिप्टी सीएम ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के एक सिपाही के रूप में वो पहले राम भक्त हैं, बाद में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री। कहा कि सभी के सहयोग से मंदिर निर्माण के लिए राशि मिलने का लाभ यह होगा कि लोग यहां पहुंचकर इस बात की अनुभूति करेंगे कि मंदिर उनका है। केशव ने कहा कि यह धन संग्रह की शुरुआत है, अंत नहीं। इस दौरान उन्होंने कई बार अशोक सिंघल को याद किया। इस दौरान वह भावुक भी हुए।

हम नागरिक नहीं, भारत माता के पुत्र हैं: चंपत राय

मंच से श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि यह सामान्य मंदिर नहीं है। 500 वर्षों की लड़ाई का प्रतीक है। हम सब भारत माता के पुत्र हैं। सोनिया गांधी केवल भारत की नागरिक हैं। यह मंदिर 140 करोड़ भारत मां की संतानों के पुरुषार्थ से बनेगा। जैसे एक छोटी सी गिलहरी ने राम सेतु के निर्माण का रास्ता दिखाया था ठीक वैसे ही हम अपना योगदान करें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। चंपत राय ने कहा कि सरकार ने भी मंदिर के लिए पिछले वर्ष 5 फरवरी को एक रुपये का योगदान किया था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में वह एक रुपये का नोट जमा है और उसे एसबीआई ने संजोकर रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस कार्यकर्ता हर नागरिक तक धन संग्रह के लिए नहीं पहुंच सकते। लेकिन अगर हम सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र, वर्ग के लोगों से संपर्क करें तो निश्चित ही हर हिंदू का मंदिर के लिए अंशदान हो जाएगा। 10 और 100 रुपये के कूपन से धन संग्रह की शुरुआत एक फरवरी से होगी। माघी पूर्णिमा तक देश भर में धन संग्रह का अभियान चलना है।

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