मथुरा || अरुण (11) पुत्र राकेश के लिए के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चिकित्सक भगवान साबित हुए। यहां के चिकित्सकों ने पर्थीज बीमारी से पीड़ित 11 साल के अरुण के कूल्हे की सफल सर्जरी कर निराश परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी। अब बालक पूरी तरह से स्वस्थ है।
ज्ञातव्य है कि राया निवासी अरुण पुत्र राकेश पर्थीज नामक बीमारी से पीड़ित था, जिसके चलते उसके कूल्हे में गलाव व टेढ़ापन आ गया था। यही नहीं उसके घुटने के नीचे से पैर भी टेढ़ा होने लगा था जिससे उसे चलने में बहुत परेशानी होने लगी थी। बच्चे की परेशानी को देखते हुए परिजन उसे दिल्ली, जयपुर, आगरा, लखनऊ सब दूर ले गए लेकिन सर्जरी की जटिलता को देखते हुए कोई भी चिकित्सक उसके आपरेशन को तैयार नहीं हुआ। आखिरकार निराश परिजन उसे लेकर के.डी. हास्पिटल के डा. हर्षित जैन से मिले।
डा, जैन ने बच्चे का पूरी तरह से निरीक्षण करने और उसकी विभिन्न जांचों का अवलोकन करने के बाद परिजनों को सर्जरी की जटिलता, बच्चे की बीमारी और आगे की परेशानी की साफ-साफ जानकारी दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद 15 जनवरी को डा. हर्षित जैन की अगुआई में विभागाध्यक्ष हड्डी रोग डा. एच.सी. तालान, डा. हेमराज सैनी, डा. आनंद गुप्ता, निश्चेतना विशेषज्ञ डा. दीपक, टेक्नीशियन पवन, नीरज, राहुल, गोविन्दा की टीम ने करेक्टिव आस्ट्योटमी व फिक्सेशन सर्जरी की। सर्जरी के बाद न केवल अरुण के कूल्हे की हड्डी सीधी हो गई अपितु घुटने के नीचे का पैर भी सीधा हो गया।
डा. हर्षित जैन का कहना है कि बच्चे की बढ़ती उम्र व कूल्हे तथा घुटने की संयुक्त परेशानी के कारण यह सर्जरी तकनीकी रूप से काफी कठिन थी। इसमें डी-रोटेशन आस्ट्योटमी के माध्यम से कूल्हे और पैर की हड्डी को सही किया गया। विभागाध्यक्ष डा. एच.सी. तालान का कहना है कि देश में पीडियाट्रिक्स आर्थोपेडिक्स के विशेषज्ञ चिकित्सक काफी कम हैं, ऐसे में इस प्रकार की सर्जरी के.डी. हास्पिटल में होना बहुत बड़ी उपलब्धि है।
अरुण की सफल सर्जरी के लिए आर.के. एज्यूकेशन हब के चेयरमैन डा. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन डा. रामकुमार अशोका ने चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है।
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