मिर्जापुर। ग्यारह वर्ष से पाकिस्तान की जेल में बंद पुनवासी की वतन वापसी के बाद उसके आने के लिए भी कम जद्दोजहद नहीं हुई। हालांकि अमृतसर पहुंची बहन किरण, भाई को देखते ही फफक कर रो पड़ी। बहन तो भाई से मिलकर भावनाओं के वेग में बह गई। पर पाकिस्तान में दी गई यातनाओं के चलते स्मृति खो चुका पुनवासी जड़ हाल में खड़ा रहा। बहन और बहनोई उसे पुरानी बातों की याद दिलाते रहे।
11 वर्ष से पाकिस्तान की जेल में बंद पुनवासी के वतन वापसी के लिए एलआईयू इंस्पेक्टर इंद्र भूषण यादव के दो वर्ष के अथक प्रयास से उसके घर और परिजनों का पता चल सका। इसके बाद उसके वतन वापसी तो आसान रही, पर वतन वापसी से घर वापसी के लिए पुनवासी को इंतजार करना पड़ा। वो इंतजार पाकिस्तान के जेल में बंद होने से कम था, पर डेढ़ माह से अपने देश में होने के बाद घर वापसी लंबी होती जा रही थी। इसके बाद अमर उजाला ने पुनवासी के घर वापसी के लिए अभियान चलाया। इसका असर रहा कि डीएम सुशील कुमार पटेल और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह के पहल पर पुनवासी के घर वापसी की राह आसान हुई। डीएम ने उसकी बहन किरण और जीजा मुन्नू के साथ एक सिपाही मनोज कुमार का रिजर्वेशन कराया। एक जनवरी को वाराणसी के बेगमपुरा एक्सप्रेस से तीनों लोग अमृतसर के लिए रवाना हुए। ट्रेन के जालंधर रुकने पर सड़क मार्ग से शनिवार को बहन अमृतसर हेल्थ केयर सेंटर पर पहुंची। इस दौरान पुनवासी सो रहा था। वहां मौजूद कर्मचारियों ने उसे उठाया। बहन अपने भाई को पाकर गले लगाकर फफक कर रोने लगी। उसके बहनोई मुन्नू की आंखें भी भर आईं। बहन किरण उसे पुरानी बातें बताकर उसकी भूली-बिसरी बातें याद दिलाती रही।
11 वर्ष से पाकिस्तान की जेल में बंद पुनवासी के वतन वापसी के लिए एलआईयू इंस्पेक्टर इंद्र भूषण यादव के दो वर्ष के अथक प्रयास से उसके घर और परिजनों का पता चल सका। इसके बाद उसके वतन वापसी तो आसान रही, पर वतन वापसी से घर वापसी के लिए पुनवासी को इंतजार करना पड़ा। वो इंतजार पाकिस्तान के जेल में बंद होने से कम था, पर डेढ़ माह से अपने देश में होने के बाद घर वापसी लंबी होती जा रही थी। इसके बाद अमर उजाला ने पुनवासी के घर वापसी के लिए अभियान चलाया। इसका असर रहा कि डीएम सुशील कुमार पटेल और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह के पहल पर पुनवासी के घर वापसी की राह आसान हुई। डीएम ने उसकी बहन किरण और जीजा मुन्नू के साथ एक सिपाही मनोज कुमार का रिजर्वेशन कराया। एक जनवरी को वाराणसी के बेगमपुरा एक्सप्रेस से तीनों लोग अमृतसर के लिए रवाना हुए। ट्रेन के जालंधर रुकने पर सड़क मार्ग से शनिवार को बहन अमृतसर हेल्थ केयर सेंटर पर पहुंची। इस दौरान पुनवासी सो रहा था। वहां मौजूद कर्मचारियों ने उसे उठाया। बहन अपने भाई को पाकर गले लगाकर फफक कर रोने लगी। उसके बहनोई मुन्नू की आंखें भी भर आईं। बहन किरण उसे पुरानी बातें बताकर उसकी भूली-बिसरी बातें याद दिलाती रही।
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