श्रमिकों की 10वीं व 12वीं कक्षा पास पुत्र-पुत्रियों को विद्यालय जाने के लिए दी जा रही साइकिल
प्रदेश भर में अब तक 6121346 रुपये की लागत से 1454 साइकिल हुआ वितरण
साइकिल वितरण हितलाभ में शैक्षिक सत्र 2019-20 के साथ 2018-19 की उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को भी मिल रही साइकिल
श्रमिकों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से एवं समयबद्ध रूप से मिले
प्रदेश सरकार की मदद से श्रमिक के बच्चे बनेंगे डाक्टर, इंजीनियर व अधिकारी
इंजीनियर व मेडिकल की पढ़ाई के लिए 8000 रुपये मासिक तथा शोघ के लिए 12000 रुपये मिल रही मासिक छात्रवृत्ति
उच्चतर शिक्षा में स्नातक के लिए 12000 रुपये प्रतिवर्ष तथा स्नातकोत्तर के लिए 24000 रुपये प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति
लखनऊ: दिनांक: 08 जनवरी, 2021
प्रदेश सरकार गरीबों एवं श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ावा देने तथा उनकी सहायता के लिए श्रम विभाग के तहत उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से ‘‘संत रविदास शिक्षा सहायता योजना’’ संचालित कर रही है। इस योजना के तहत बीओसी बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियों के कक्षा 10वीं या 12वीं उत्तीर्ण करने पर अगली कक्षा में पढ़ने के लिए तथा विद्यालय जाने हेतु साइकिल दे रही है। इसके साथ ही उन्हें मासिक छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। प्रदेश भर में अब तक 6121346 रुपए की लागत से 1454 साइकिलों का वितरण किया गया। साइकिल वितरण हितलाभ से श्रमिक की पुत्र-पुत्रियों को शैक्षिक सत्र 2019-20 के साथ 2018-19 की कक्षा 10वीं एवं 12वीं पास छात्र-छात्राओं को भी लाभान्वित किया जा रहा है।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह जानकारी देते हुए बताया कि श्रमिक के बच्चे भी पढ़ लिखकर डॉक्टर, इंजीनियर व अधिकारी बने, इसके लिए प्रदेश सरकार पूर्ण उत्तरदायित्व के साथ इस योजना के तहत निर्माण श्रमिक के अधिकतम दो संतानों को कक्षा-01 से लेकर उच्चतर शिक्षा में अध्ययन के लिए मासिक छात्रवृत्ति दी जाती है। उन्होंने बताया कि कक्षा 01 से 05 तक के लिए 1800 रुपये वार्षिक, कक्षा 06 से 10 तक के लिए 2400 रुपये वार्षिक तथा कक्षा-11 से 12वीं तक के लिए 3000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जा रही है। इसी प्रकार आईटीआई, प्रोफेशनल, पाठ्यक्रमों के लिए भी इन बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती है। श्रमिक के बच्चों को उच्चतर शिक्षा में स्नातक में जहां 12000 रुपये प्रति वर्ष तथा स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त करने में 24000 रुपये प्रति वर्ष छात्रवृत्ति दी जाती है। इसी प्रकार मेडिकल की शिक्षा के लिए 8000 रुपये मासिक तथा शोध के लिए 12000 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति मिल रही है।
श्रम मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मिशन शक्ति के तहत महिलाओं के सम्मान एवं स्वालंबन के लिए कार्य कर रही है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए श्रम विभाग श्रमिक की पुत्रियों को साइकिल प्रदान कर रही है, जिससे वे खुशी-खुशी अपने स्कूल जा सकंे और अपने माता-पिता का सपना पूरा कर सकें। संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत अभी तक आगरा में 245, गोरखपुर में 272, पिपरी में 184, लखनऊ में 172, देवरिया में 188, मिर्जापुर में 184 साइकिलों का वितरण किया गया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्रमिकों को पारदर्शी तरीके एवं समयबद्ध रूप से कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करें, जिससे उनके जीवन में खुशहाली आ सके।
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