बसंतकालीन गन्ने के साथ किसान सह फसली खेती अपनाएंः संजीव राठी
बहराइच। पारले शुगर मिल के सहायक मुख्य गन्ना प्रबन्धक संजीव राठी ने सभी गन्ना किसानों से अनुरोध किया है कि किसान भाई गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाएं। अभी से शुद्ध, निरोग एवं स्वस्थ बीज का चयन बसंत कालीन गन्ना बुवाई के लिए कर ले। किसी भी रेड राट प्रभावित प्लाटो से बीज न ले। जिन खेतों में रेड राट बीमारी है उनमें एक वर्ष तक गन्ने की फसल न ले। उसमें फसल चक्र अपनाएं। बसंतकालीन गन्ना बुवाई में 0238, 0118, 94184 एवं 08272 गन्ने की बुवाई करें। केवल एक आंख का टुकड़ा ही बुवाई के लिए प्रयोग करें। इसमें प्रति बीघा केवल 4 कुन्तल बीज की आवश्यकता होगी। आंख से आंख की दूरी का अंतर 6 इंच होना चाहिए। जिससे जमाव अच्छा होगा व बीज की भारी बचत होगी। गन्ना किसान टेंªच विधि को प्राथमिकता दें। खेती की तैयारी के समय टेªकोडर्मा को देशी खाद में मिलाकर भूमि शोधन अवश्यक करें। किसान भाई अच्छी पैदावार लेने के लिए गन्ने की वैज्ञानिक खेती से जुड़े जिससे लागत कम और पैदावार अधिक मिले। बसन्तकालीन गन्ना बुवाई में अतिरिक्त लाभ लेने के लिए सहफसल जैसे मूंग, उडद, भिंडी आदि अवश्य लगाएं। उपरोक्त बातें पारले मिल गेट व सेंटर पर गन्ना लेकर आये किसानों से लगातार अच्छा उत्पादन लेेने के लिए कहा जा रहा है।


बहराइच ब्यूरो हेड रामकुमार यादव की रिपोर्ट

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