बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के दूसरे चरण में 36590 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाने थे। इसके तहत गोंडा में 1212 अभ्‍यर्थियों की सूची जारी हुई थी जिनमें से 186 को नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाए। अभ्‍यर्थी सुबह से नियुक्ति पत्र पाने का इंतजार कर रहे थे लेकिन जब देर शाम तक 186 अभ्‍यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिले तो उनमें से कई रोने लगे।

अभ्‍यर्थियों ने बीएसए दफ्तर पर नारेबाजी शुरू कर दी। नियुक्ति पत्र तत्‍काल देने की मांग करते हुए वे धरने पर बैठ गए। अभ्‍यर्थी बीएसए के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उधर, बीएसए ने डीएम से बात कर वस्‍तु स्थिति की जानकारी दी और मामले में उचित मार्गदर्शन मांगा। फिलहाल अभ्‍यर्थी बीएसए दफ्तर पर बैठे हुए हैं। वे लगातार नारेबाजी कर रहे हैं।


उधर शनिवार दोपहर, लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने अलग-अलग जिलों में नवनियुक्ति शिक्षकों से संवाद किया और उन्हें नियुक्ति पत्र प्राप्त करने की बधाई दी।

सीएम योगी ने शिक्षकों से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा तो शिक्षक उन्‍हें एमएससी, एमएड, बीएससी, बीटीसी आदि पाठ्यक्रमों की अपनी पढ़ाई के बारे में बताने लगे। इस पर सीएम योगी ने उन्‍हें बधाई देते हुए कहा कि जैसे आपके माता-पिता ने आपको मेहनत से पढ़ाया वैसे ही आप भी प्राथमिक विद्यालय के बच्‍चों को पढ़ाने लगें तो बेसिक शिक्षा का कायाकल्‍प हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि बेसिक शिक्षा के शिक्षकों की भूमिका अत्‍यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षक देश के भविष्य की नींव मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों के भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सीएम ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि नियुक्ति पत्र वितरण से लेकर विद्यालयों के आवंटन तक कहीं से कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से सम्‍पन्‍न   होनी चाहिए। 

सीएम योगी ने कहा कि यूपी सरकार ने बिना किसी सिफारिश और भेदभाव के नियुक्ति प्रक्रिया आरम्‍भ की है। पहले ऐसा नहीं होता था। बेसिक शिक्षा में शिक्षक होना सौभाग्‍य की बात है। मां-बाप के बाद सबसे बड़ी भूमिका बेसिक शिक्षकों की होती है। आप जिस रूप में बच्‍चों को ढालना चाहें, बच्‍चे उसी रूप में ढल जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में पारदर्शी चयन प्रक्रिया और योग्‍य शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार को लम्‍बी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। अंतत: सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की चयन प्रक्रिया को सही माना।

उसे लागू किया गया। सीएम ने कहा कि ज्ञान का क्षेत्र बहुत विराट है। एक शिक्षक को हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने के बारे में जागरूक रहना चाहिए। कूपमंडूक बनने से काम नहीं चलेगा। अपने ज्ञान के क्षेत्र को विस्‍तारित करें और पूरी तन्‍मयता से बच्‍चों को पढ़ाएं।

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