निर्विवाद उत्तराधिकार/वरासत को खतौनियों में दर्ज कराये जाने हेतु विशेष अभियान दिनांक 15 दिसम्बर, 2020 से 15 फरवरी, 2020 तक
बलरामपुर। 14 नवम्बर, 2020/जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने राजस्व विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्राप्त आदेश के क्रम में एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुये बताया कि जनपद में जनपद के समस्त ग्रामों निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज किये जाने हेतु दिनांक 15 दिसम्बर, 2020 से 15 फरवरी, 2021 तक दो माह का विशेष अभियान चलाये जाने के लिये समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। उन्होंने आगे जानकारी देते हुये बताया कि आवेदक द्वारा प्रार्थना पत्र/रिपोर्ट दिये जाने की स्थिति में आवेदक स्वयं आॅनलाइन अथवा जनसेवा केन्द्र पर प्रार्थना पत्र भरने के लिये राजस्व परिषद की बेवसाइट bor.up.nic.in के मुख्य पृष्ठ पर दिये गये राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली लिंक पर उपलब्ध उत्तराधिकार/वरासत हेतु आवेदन प्रपत्र पर अपना आवेदन अंकित करेंगा। मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी को भरकर अपना एक बार पंजीकरण करेगा तथा वांछित सूचनाएं पोर्टल पर भरेगा। प्रार्थना पत्र/रिपोर्ट/हल्का लेखपाल द्वारा सत्यापन के आधार पर मृतक/विवाहिता/पुनर्विवाहिता की वरासत दर्ज किये जाने हेतु निम्न कार्यक्रमानुसार निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज कराये जाने हेतु अभियान निम्नानुसार आयोजित होंगें।
राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में प्रचार-प्रसार तथा खतौनियों का पढ़ा जाना तथा लेखपाल द्वारा वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें आॅनलाइन भरा जायेगा। इसकी तिथि 15 दिसम्बर, 2020 से 30 दिसम्बर, 2020 तक निर्धारित की गयी है, क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश संख्या-9616 दिनांक 29 अक्टूबर, 2018 में दी गयी व्यवस्था राजस्व निरीक्षक जांच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करेंगे। इसकी तिथि दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 से 15 जनवरी, 2021 तक निर्धारित की गयी है। राजस्व निरीक्षकों द्वारा दिनांक 29 अक्टूबर, 2018 में दी गयी व्यवस्था के क्रम में राजस्व निरीक्षक जांच एवं आदेश पारित करने के अनुसार कायवाही करेगें। इसकी तिथि 16 जनवरी से 31 जनवरी, 2021 तक निर्धारित की गयी है। राजस्व निरीक्षक(कार्यालय) द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामांतरण आदेश को आर0-6 में दर्ज करने के पश्चात् खतौनी की परिविष्टयां को भू-लेख साफ्टवेयर में अपलोड करायेगें। यह कार्यक्रम 16 जनवरी से 31 जनवरी, 2021 तक निर्धारित है। जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उप जिलाधिकारी से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज रहने से अवशेष नहीं है। इसकी तिथि 01 फरवरी से 07 फरवरी, 2021 से निर्धारित की गयी है। अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद के प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रैण्डमली चिहिन्त करते हुये उनमें अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा जांच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है। इसकी तिथि 08 फरवरी से 15 फरवरी, 2021 तक निर्धारित की गयी है। जनपद की प्रगति रिपोर्ट को निर्धारित प्रारूप में राजस्व परिषद की बेवसाइट पर फीड किया जायेगा। इसकी तिथि 31 दिसम्बर, 2020, 02 जनवरी, 2021, 17 जनवरी, 2021, जनपद द्वारा प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जाने की समय-सीमा 20 फरवरी, 2021 नियत की गयी है। जिलाधिकारी ने इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु समस्त उपजिलाधिकारियों/तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि संपूर्ण समाधान दिवस में भी अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। अभियान को गति प्रदान करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी/अपर जिलाधिकारी द्वारा नियत तिथि पर राजस्व ग्रामों का निरीक्षण किया जायेगा। उप जिलाधिकारी और तहसीलदार प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से भ्रमण कार्यक्रम तैयार करते हुये संबन्धित राजस्व निरीक्षकों/लेखपालों को सूचित करेंगें। जिन ग्रामों के अधिकतर काश्तकार अन्य स्थानों पर निवास करते हो उन ग्रामों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। समस्त उप जिलाधिकारी द्वारा भ्रमण कार्यक्रम की प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी व अन्य शासकीय विभागों को सूचनार्थं प्रेषित की जाये। राजस्व निरीक्षक द्वारा आयोजित ग्राम राजस्व समिति की बैठक में परिवार रजिस्टर, जन्म-मृत्यु रजिस्टर व अन्य संबन्धित अभिलेखों के साथ उपस्थित रहे, ताकि राजस्व अभिलेखों, पंचायती राज विभाग, नगर विकास विभाग के अभिलेखों में एकरूपता रहे और तीनों विभागों के द्वारा रक्षित अभिलेखों को एक साथ सम्मिलित किया जा सके। अभियान के तहत जनपद के प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रैण्डमली चिहिन्त करते हुये उनमें अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व अन्य जनपदीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जांच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है। यदि जांच में यह पाया जाता है कि किसी ग्राम में संबन्धित लेखपाल, राजस्व निरीक्षक द्वारा अविवादित वरासत बिना किसी समुचित कारण के दर्ज नहीं की गयी है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
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आनन्द मिश्रा
बलरामपुर
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