गोंडा :साहेब के कुर्सी छोड़ते ही कुर्सियां गायब हो गयी और पंखो के पंख उड़ आया वे भी उड़न छू हो गये | मौजूद साहिब के अधीनस्थों को भनक तक नहीं लगी, साहेब के जाने का गम कुर्सियों को नागवार गुजरा और कुर्सियां साहिब के जाने के 2 दिन बाद चलते बनी जबकि पंखो के कब पंख उगे किसी को पता भी नही लगा , कई दिन बीत जाने के बाद अब मौजूद अधीक्षक की कुर्सीको भी अस्पताल आई सभी कुर्सियों के चले जाने का गम सता रहा है|और वह भी फूट फूट कर रो रही है जिससे एक कर्मचारी के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई हैं। मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर के सीएचसी से जुड़ा हुआ है| लगभग वर्ष 2019 के 16 नवम्बर को बलरामपुर फाउंडेशन के मनकापुर इकाई , मनकापुर क्षेत्र में स्थापित मनकापुर चीनी मिल दतौली द्वारा समाज सेवा के रूप में मनकापुर सीएचसी को 40 कुर्सी 5 थ्री सीटर स्टील बेंच, 10 छत पंखा और 2 कूलर उपलब्ध करवाया था|चीनी मिल द्वारा दी गई कुर्सी तत्कालीन सीएचसी अधीक्षक डॉ मनोज कुमार के कार्यालय शोभा बढ़ा रही थी|लेकिन लगभग 1 सप्ताह पूर्व डॉ मनोज कुमार को जिला मुख्यालय पर तैनात कर दिया गया| डॉ मनोज कुमार के स्थानांतरण के 2 दिन बाद कार्यालय में मौजूद कुर्सियां एक साथ गायब हो गई| जिससे सीएचसी अधीक्षक का कार्यालय सूना सूना सा हो गया | स्वास्थ्य विभाग के अन्य कक्षों में मौजूद 40 कुर्सियों में 7 कुर्सियां जो भागने में कामयाब नही हो पायी थी स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें अधीक्षक के कार्यलय में कैद कर दिया | लेकिन अभी भी 33 कुर्सियों स्वास्थ्य कर्मियों के पहुच से दूर है | बेंच व कूलर अपने अपने स्थानों पर तैनात तो मोर्चे पर डटे है लेकिन पंखो के पंख किस ओर रुख कर गये इसका तो किसी को ज्ञान ही नही है | 33 कुर्सियों के भागने व 10 पंखो को उड़ जाने के कारण सीएचसी कर्मचारियों में कानाफूसी जारी है|अब प्रश्न यह उठता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात चौकीदार के अतिरिक्त अन्य कर्मचारी आपातकालीन सेवाओं के मद्देनजर 24 घंटे मौजूद रहते हैं तब भी कार्यालय में मौजूद 33 कुर्सियां किसके जेब में बैठ कर चली गई
रिपोर्ट - सूरज कुमार शुक्ला गोंडा
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