हाथरस के बूलगढ़ी प्रकरण में सीबीआई के आरोप पत्र दाखिल करने के बाद से एक बार फिर से सियासत गर्मा रही है। गुरुवार को करनी सेना के पांच लोगों को पुलिस ने जेल भेजा था, लेकिन शुक्रवार को राष्ट्रीय करनी सेना भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी टीम के साथ आरोपियों के परिजनों से मिलने के लिए आ गए। पुलिस प्रशासन प्रतिनिधि मंडल को अपनी सुरक्षा में परिवार से मुलाकात कराने के लिए लेकर पहुंचा। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
बूलगढ़ी प्रकरण में सीबीआई ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। शुक्रवार को आजमगढ से आए राष्ट्रीय करणी सेना भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर प्रताप सिंह उर्फ वीरू सिंह, सनी सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, धीरेंद्र सिंह राष्ट्रीय संरक्षक, श्रवण सिंह हंटर प्रदेश सचिव, राजा जयसवाल (समाज सेवी) अपनी गाड़ी से बूलगढ़ी गांव जाने के लिए आ गए। जैसे ही पुलिस प्रशासन को मालूम हुआ उन्हें सादाबाद की सीमा पर रोक लिया गया।
सादाबाद कोतवाली में टीम के चार सदस्यों से बातचीत की गई। बाद में उन्हें गांव जाने की अनुमति दी गयी। सीओ सादाबाद, एसओजी टीम अपनी सुरक्षा में चार सदस्यों को चंदपा तक लेकर आई। इसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व सीओ की गाड़ी में करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उनकी टीम को बिठाकर गांव ले जाया गया। करनी सेना के पदाधिकारियों ने आरोपियों के परिजनों का हाल जाना। उनके काफी देर तक बातचीत की। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान बूलगढ़ी गांव के बाहर पीएसी और पुलिस बल तैनात रहा।
बिल्कुल हाथरस की लड़की को न्याय मिलना चाहिए
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