शीतलहर एवं कोहरे से तिलहनी व फूल वाली फसलें प्रभावित।
औरैया // बीते दिनों मौसम में आद्रता की कमी थी जिससे दिन में गर्मी व सुबह शाम ठंढ का मौसम था। अचानक बीते दिनों से कोहरा पड़ने व बर्फीली हवा चलने से मौसम में परिवर्तन हो गया है। ठंड का असर व कोहरे के चलते तापमान लगातार गिरता चला जा रहा है। दलहनी फसल अरहर, चना के साथ ही तिलहनी सरसों की फसलों में फूल लग चुके हैं तथा फल बनने की प्रक्रिया शुरू है। ऐसे में कोहरा और पाला से फसलें प्रभावित हो रही हैं तथा पौधों में लगे फूल रोग ग्रसित हो रहे हैं। कृषि विज्ञानी संदीप कुमार ने बताया कि किसानों को पाला तथा शीतलहरी से फसलों को बचाने के लिए डब्लू डीजी सल्फर व फंगीसाइड मैंकोजेब 45 प्रतिशत का छिड़काव करना पड़ेगा। सब्जी में टमाटर तथा आलू की फसल पर तापमान व पाला का सीधा असर पड़ता है पाले से आलू और टमाटर के पौधों मे झुलसा रोग प्रभावी होता है। इसकी रोकथाम किसानों को पहले से ही करनी पड़ती है। मौसम खराब होने से पहले ही किसान फंगीसाइड दवाओं का छिड़काव कर फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं। फसलों के प्रभावित होने से इन फसलों के किसान बेहद दुखी हैं। उन्हें नुकसान की भरपाई न हो पाने के गम सता रहा है।

  जे. एस. यादव
हिन्दी संवाद न्यूज 

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