गोंडा। जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा फिर बढ़ने लगा है। बुधवार शाम को आई कोरोना संक्रमितों की रिपोर्ट में आठ नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई। नए मरीजों के साथ जिले में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 115 हो गयी है। संक्रमित मरीजों में सिर्फ 1 मरीज को जिला कोविड चिकित्सालय में भर्ती कराया गया तथा 114 मरीज होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करवा रहे हैं। 62 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गयी। होम आइसोलेशन वाले संक्रमित मरीज कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा सिर्फ कंट्रोल रूम से ही संक्रमितों की निगरानी की जा रही है। संक्रमित मरीज भी मौका मिलते ही आम व्यक्तियों के बीच घूमने निकल जाते हैं। यही नहीं तबियत बिगड़ने पर निजी अस्पतालों में सामान्य मरीजों की तरह इलाज भी करवा लेते हैं। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ने की संभावना है।
प्रशासन की तरफ से संक्रमित मरीजों का फोन से प्रतिदिन हाल-चाल लिया जाता है परंतु होम आइसोलेशन में रखे मरीजों की निगरानी न होने से स्थित फिर से बिगड़ सकती है। जिले में कोरोना मरीजों की संख्या एक बार फिर 115 तक पहुंच पहुंच गई है। कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के लिए 5 लेवल-वन तथा एक लेवल-टू का अस्पताल चयनित किया गया है। लेकिन कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में इलाज कराने से बच रहे हैं।
बुजुर्ग और बच्चों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं
नई गाइडलाइन के अनुसार कोरोना संक्रमित बुजुर्ग, सांस रोगी, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को होम आइसोलेशन में रखे जाने की अनुमति नहीं है। जबकि होम आइसोलेशन में रखकर इलाज करवा रहे 110 कोरोना संक्रमितों में 30 फीसदी बुजुर्ग या सांस के रोगी हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ाया जा रहा है।
प्रशासन नहीं दिखा रहा गंभीरता
कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। कोरोना की सूचना व जानकारी के लिए लगाए गए कर्मचारियों को होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करवा रहे मरीजों की स्थित के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
रैपिड एक्शन टीम कर रही संक्रमितों की निगरानी
रैपिड एक्शन टीम होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों की निगरानी कर रही है। उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के साथ मरीजों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। -डॉ. अजय सिंह गौतम, मुख्य चिकित्साधिकारी गोंडा
प्रशासन की तरफ से संक्रमित मरीजों का फोन से प्रतिदिन हाल-चाल लिया जाता है परंतु होम आइसोलेशन में रखे मरीजों की निगरानी न होने से स्थित फिर से बिगड़ सकती है। जिले में कोरोना मरीजों की संख्या एक बार फिर 115 तक पहुंच पहुंच गई है। कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के लिए 5 लेवल-वन तथा एक लेवल-टू का अस्पताल चयनित किया गया है। लेकिन कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में इलाज कराने से बच रहे हैं।
बुजुर्ग और बच्चों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं
नई गाइडलाइन के अनुसार कोरोना संक्रमित बुजुर्ग, सांस रोगी, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को होम आइसोलेशन में रखे जाने की अनुमति नहीं है। जबकि होम आइसोलेशन में रखकर इलाज करवा रहे 110 कोरोना संक्रमितों में 30 फीसदी बुजुर्ग या सांस के रोगी हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ाया जा रहा है।
प्रशासन नहीं दिखा रहा गंभीरता
कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। कोरोना की सूचना व जानकारी के लिए लगाए गए कर्मचारियों को होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करवा रहे मरीजों की स्थित के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
रैपिड एक्शन टीम कर रही संक्रमितों की निगरानी
रैपिड एक्शन टीम होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों की निगरानी कर रही है। उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के साथ मरीजों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। -डॉ. अजय सिंह गौतम, मुख्य चिकित्साधिकारी गोंडा
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