मिर्जापुर। प्रदेश सरकार रोजगार अभियान चला रही है। इसके तहत बेरोजगारों को उनको अपने घर के आसपास ही काम देने की कवायद की जा रही है। सभी विकास खंड से काम करने के इच्छुक लोगों का सर्वे कराकर उनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उसके आधार पर उनको मनरेगा व अन्य विभागों के समन्वय से काम उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच दिसंबर को इस अभियान की शुरूआत की थी। इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि प्रदेश में रोजगार के 50 लाख अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही सभी जिलों को इसके लिए संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया गया था। इस समय मनरेगा व अन्य विभागों के साथ समन्वय कर लोगों को रोजगार देने का काम किया जा रहा है। लाकडाउन की अवधि में इससे काफी लोगों को रोजगार मिला। अब इसी की तर्ज पर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। उस समय अप्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा था लेकिन इस समय ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है, क्योंकि अप्रवासी श्रमिक में अधिकांश तो अपने काम पर वापस लौट चुके हैं। अब इस अभियान के तहत स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस योजना का आरंभ कर दिया है। जिले में भी इस योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जाएगा ताकि सदैव की तरह इस योजना में भी जिला आगे रहे।
32 हजार अप्रवासियों को दिया गया था रोजगार
मिर्जापुर। लाकडाउन के दौरान जिले में 32025 अप्रवासी श्रमिक आए थे। इनमें से अधिकांश को रोजगार उपलब्ध कराया गया था। स्किल मैपिंग कर उनको तीन श्रेणियों में बांटा गया था। स्किल्ड, सेमी स्किल्ड व अन स्किल्ड। इनमें से सेमी स्किल्ड व अन स्किल्ड लगभग 16 हजार श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम दिया गया। आठ हजार स्किल्ड लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार काम दिया गया। शेष जो बचे उनको फैक्ट्रियों व अन्य इकाईयों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। इनमें से अधिकांश अप्रवासी श्रमिक अपने काम पर वापस जा चुके हैं। इस नयी योजना से नए स्थानीय लोगों
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच दिसंबर को इस अभियान की शुरूआत की थी। इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि प्रदेश में रोजगार के 50 लाख अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही सभी जिलों को इसके लिए संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया गया था। इस समय मनरेगा व अन्य विभागों के साथ समन्वय कर लोगों को रोजगार देने का काम किया जा रहा है। लाकडाउन की अवधि में इससे काफी लोगों को रोजगार मिला। अब इसी की तर्ज पर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। उस समय अप्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा था लेकिन इस समय ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है, क्योंकि अप्रवासी श्रमिक में अधिकांश तो अपने काम पर वापस लौट चुके हैं। अब इस अभियान के तहत स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस योजना का आरंभ कर दिया है। जिले में भी इस योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जाएगा ताकि सदैव की तरह इस योजना में भी जिला आगे रहे।
32 हजार अप्रवासियों को दिया गया था रोजगार
मिर्जापुर। लाकडाउन के दौरान जिले में 32025 अप्रवासी श्रमिक आए थे। इनमें से अधिकांश को रोजगार उपलब्ध कराया गया था। स्किल मैपिंग कर उनको तीन श्रेणियों में बांटा गया था। स्किल्ड, सेमी स्किल्ड व अन स्किल्ड। इनमें से सेमी स्किल्ड व अन स्किल्ड लगभग 16 हजार श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम दिया गया। आठ हजार स्किल्ड लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार काम दिया गया। शेष जो बचे उनको फैक्ट्रियों व अन्य इकाईयों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। इनमें से अधिकांश अप्रवासी श्रमिक अपने काम पर वापस जा चुके हैं। इस नयी योजना से नए स्थानीय लोगों
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