लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत-नेपाल सीमा से 05 कि0मी0 क्षेत्र के अन्तर्गत निजी क्षेत्र में उर्वरकों की बिक्री हेतु उर्वरक निबंधन प्रमाण पत्र जारी न किये जाने के निर्देश दिये हैं। इसके अतिरिक्त यदि आवश्यक हो तो, पुलिस एवं स्टेट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की सहायता से अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्राज्यीय सीमाआंे पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उर्वरकों को अवैध रूप से प्रदेश से बाहर ले जाने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी ने आज यहां देते हुयेे बताया कि कृषि विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में सम्बन्धित जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
अपर मुख्य सचिव कृषि द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्राज्यीय सीमाओं के निकटवर्ती 40 जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुये कहा गया है कि प्रदेश में रबी सीजन के अन्तर्गत किसानों द्वारा फसलों की बुवाई का कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है, जिसके दृष्टिगत जनपद में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध उर्वरकों का किसानों के मध्य वितरण सुनिश्चित करने हेतु विशेष सतर्कता बनाये रखने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बलिया, गाजीपुर, चन्दौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर, जालौन, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागपत एवं शामली जनपद के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं।
डाॅ0 चतुर्वेदी ने बताया कि उर्वरकों की शीर्ष मांग के कारण इस समय असामाजिक तत्वों द्वारा उर्वरकों का अवैध रूप से प्रदेश के बाहर भेजने का प्रयास किया जाता है, जो कि उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 एवं उर्वरक परिसंचलन (नियंत्रण) आदेश, 1973 का उल्लंघन है। ऐसी स्थिति में अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्राज्यीय सीमाओं के निकटवर्ती जनपदों में उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की सघन निगरानी किये जाने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट - सूरज कुमार शुक्ला गोंडा
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