जनपद गोंडा क़े ग्रामीण क्षेत्रों मे कोरोना का कोई खास ना तो डर हैै ना ही यहाँ स्कूल प्रबंधन को सरकारी आदेशों की परवाह ।स्कूलों क़े अभी 30दिसंबर तक बन्द रखने क़े आदेशों क़े बावजूद तमाम स्कूल धड़ल्ले से खोले जा रहे हैं । 
 प्रदेश सरकार ने अभी 30 दिसंबर तक 9-12 तक व डिग्री कालेज क़े विद्यालयों को ही कोरोना क़े नियमों क़े तहत खोलने का सशर्त आदेश जारी किया था । लेकिन मानक विहीन विद्यालयों मे प्राइमरी से लेकर इंटर तक विधिवत विद्यालय शुरू हो गए हैं। इससे कोरोना क़े खतरा का बड़ा असर दिखाई दे रहा हैै ।  जिले क़े तमाम स्कूल विगत लगभग 20 दिनों से बिना किसी कोरोना नियम क़े पालन क़े ना केवल खुल रहे हैं बल्कि विधिवत विद्यालय मे पढ़ाई लिखाई का कार्य भी शुरू हो चुका हैै ।
 बताते चले कि हालाकि सरकार ने शर्तों क़े साथ कोरोना से बचाव को देखते हुये  नियमानुसार कक्षा 9-12 तक क़े  ही विद्यालय खोलने क़े आदेश जारी किए हैं सरकारी आदेश मे अभी 30 दिसंबर तक जूनियर तक क़े सभी विद्यालय पूर्ण रूप से बन्द रखने क़े आदेश निर्गत हुये हैं  । लेकिन प्राइवेट स्कूलों क़े प्रबंधकों क़े आगे ये आदेश बिल्कुल बेअसर साबित हो रहे हैं । गोण्डा जिले क़े ग्रामीण क्षेत्रों क़े एक दो नही बल्कि दर्जनों  विद्यालय विधिवत खुल रहे हैं । बच्चे बराबर स्कूल भी आ रहे हैं । इसमें झांझरी , मनकापुर , कटरा , , रगडगंज , रूपइडीह, इटियाथोक सहित लगभग सभी ब्लाकों कि एक जैसी स्थिति हैै । रुपइडीह ब्लाक क़े जैप्रभाग्राम क़े करीब स्थित शीला देवी मेमोरियल स्कूल , प्रशांति देवी मेमोरियल शिक्षण संस्थान केवलपुर सहित जिले क़े कई दर्जन ऐसे स्कूल हैं जिन्हें कोरोना से बच्चों कि जिंदगी को कोई खतरा नही दिखाई पड़ता उन्हें अपने व्यापार से मतलब हैै इसलिए नियमों को दरकिनार कर खोले जा रहे हैं ।  
सबसे बड़ा सवाल तो ये हैै कि इन प्रबंधकों क़े  साहस और सरकारी आदेशों क़े खिलाफ जाकर कार्य करने क़े जज्बे को भी दाद देनी होगी । एक ओर सरकारी प्राइमरी सहित तमाम शिक्षण संस्थान सरकारी आदेशों क़े अनुसार बन्द हैं वहीं ऐसे जगह जगह खुले गैर मानक क़े विद्यालय पैसे कमाने क़े उद्देश्य से देश क़े नौनिहालों की जिंदगी क़े साथ सीधे खेलते देखें जा सकते हैं । सबसे ज्यादा चौंकाने वाला मामला तो ये हैै कि आखिर जिले क़े जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे हैं । आखिर बच्चों की जिंदगी से ज्यादा महत्वपूर्ण हैै उनकी पढ़ाई । शुरू मे तो प्रदेश स्तर  क़े आला अधिकारियों की देख रेख मे विद्यालय खोले जा रहे थे । लखनऊ से अधिकारी सचल दल क़े साथ स्कूलों को केवल 9-12 तक आदेशों क़े अनुरूप ना खोलने पर तत्काल कार्यवाही की बात करते थे लेकिन अब स्थिति यह हैै कोई पूँछने वाला नही हैै इसी की आड़ मे निजी विद्यालयों क़े प्रबंधक मनमानी कर रहे हैं । अब तो 9-12 तक कौन कहे प्राइमरी और जूनियर क़े निजी विद्यालय धड़ल्ले से खुल रहे हैं इस पर जनचर्चा यही हैै कि आखिर निजी विद्यालयों क़े प्राइमरी से लेकर पूरा खुलने मे कहीं स्थानीय अधिकारियों की रजामंदी तो नही हैै या फिर कोई और मसला हैै । फिलहाल स्थलीय मामला यही हैै कि निजी विद्यालय कोरोना इफेक्ट को दरकिनार कर पढ़ाई शुरू कर चुके हैं । और सरकारी आदेशों की धज्जियां खुले आम उड़ाई जा रही हैं । अधिकारी अपने विभागीय कार्यों मे व्यस्त हैं । 

शुभम गुप्ता 
गोंडा 

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