मिर्जापुर। चारा-पानी के अभाव में अब जंगली जीव गांवों में नहीं घुसेंगे। हलिया के हर्रा, परसिया, चौरा व सगरा के जंगलों में वाटर होल व चारागाह का प्रबंध किया जाएगा। चारे पानी के अभाव जंगली जीव गांव की ओर रुख करते हैं जिससे ग्रामीण दहशत में रहते हैं। वहीं जंगली जीवों को शिकारियों से खतरा रहता है।
जंगली जीवों को बचाने के लिए जंगलो में जहां 20 हेक्टेयर जमीन पर चारागाह बनाए जाएंगे वहीं 12 मीटर चौड़ाई, 15 मीटर लंबाई व दो से तीन मीटर गहराई में एक-एक वाटर होल का निर्माण कराया जाएगा। ऐसे वाटर होल में जहां वर्षा का जल एकत्रित होने से जंगली जीव अपनी प्यास बुझाएंगे वहीं वन विभाग की ओर से इसकी लगातार मॉनिटरिंग कराई जाएगी। गर्मी के मौसम में पानी सूखने पर टैंकरों के माध्यम से वाटर होल में पानी भरा जाएगा। इसी तरह प्रचंड गर्मी के दिनों में जंगलों में उगे घास आदि सूख जाते हैं। जिससे विशेषकर चरने वाले जीवों के लिए संकट खड़ा हो जाता रहा। शासन के निर्देश पर चारागाह की स्थापना किए जाएंगे। चारागाह में विशेष प्रकार की घास उगाई जाएगी।
इनसेट
- विशेषकर गर्मी के दिनों में जंगलों में चारे-पानी का संकट खड़ा हो जाता है। शासन के निर्देश पर चारागाह व वाटर होल की स्थापना कराई जाएगी। यह निर्माण गर्मी से पहले फरवरी माह तक पूर्ण कर दिए जाएंगे।- आशुतोष जायसवाल, डीएफओ कैमूर

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