पटरियों पर पूरी तरह अतिक्रमण के बाद बाजार की सड़कें शाम के समय बैडमिंटन का कोर्ट बन जाती हैं। बच्चों का साथ देने के लिए बड़े भी खेल में शामिल रहते हैं। सड़क पर छोटी-बड़ी गाडियों व पदयात्रियों के लिए समस्या उत्पन्न हो रही है। ठंड के समय रात में धुंध व कोहरे के कारण वैसे भी दृश्यता कम रहती है। बाजार की सड़क पर खेलने वाले लोग आसपास के वातावरण से भी अंजान रहकर केवल खेल में तल्लीन रहते है। दुर्घटना की स्थिति में सारा दोष भी बाइक चालकों पर मढ़ दिया जाता है। आशीष, रोहित, मनीष, विजयपाल, कौनेन हैदर का कहना है कि सड़क पर खेल की इस प्रथा पर विराम लगाया जाए।
प्रभारी निरीक्षक वकील पांडेय का कहना है कि सड़क या पटरी खेलने के लिए नहीं है। पुलिस ऐसे बच्चों के अभिभावकों को सख्ती से ताकीद करेगी। आदेश का पालन न करने वाले अभिभावकों के खिलाफ आवागमन बाधित करने का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
असगर अली
उतरौला
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