मिर्जापुर। कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए जरुरी प्रोटोकाल का पालन करना आज भी उतना ही जरूरी है, जितना नौ महीने पहले था। कोविड-19 के चलते इस बार स्थितियां बदली हुईं हैं, इसलिए खुशियां बरक़रार रखने के लिए प्रार्थना स्थलों पर भी सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। कोशिश हो कि जिस स्थल पर समारोह हो रहा है, वहां पर उतनी ही संख्या में लोगों को प्रवेश दिया जाए जिससे कि लोगों में उचित दूरी का पालन हो सके । नए साल के स्वागत समारोहों व पार्टी आयोजकों से लेकर उसमें शामिल होने वालों तक को भी हर कदम पर स्वस्थ स्वास्थ्य व्यवहार अपनाने की सख्त जरूरत है। सरकार द्वारा भी इन आयोजनों को लेकर दिशा - निर्देश जारी किये गए हैं। जिसका पालन करते हुए ही कोई कार्यक्रम आयोजित करना सभी की भलाई के लिए जरूरी है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी / कोरोना के नोडल अधिकारी डा. अजय कुमार का कहना है कि कोविड से सभी को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है कि समारोह या पार्टी स्थल पर प्रवेश एवं निकास के लिए अलग-अलग द्वार हों, कार्यक्रम स्थल पर पर्याप्त क्रास वेंटिलेशन होना चाहिए। प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर की व्यवस्था हो, कार्यक्रम स्थल पर केवल बिना लक्षण वाले स्टाफ एवं आगंतुकों को प्रवेश दिया जाए। यदि किसी में बीमारी के लक्षण नजर आते हैं तो उसके साथ ही अन्य की सुरक्षा की दृष्टि से प्रवेश न दिया जाए और चिकित्सीय सहायता की सलाह दी जाएं। स्टाफ व आगंतुकों को फेस कवर या मास्क पहनना अनिवार्य होगा और एक-दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखनी होगी। यह सभी पालन पार्किंग स्थल और स्टाल पर भी करना होगा। धार्मिक आयोजन स्थलों पर जहाँ तक संभव हो जूते-चप्पल गाड़ी में ही उतारकर कार्यक्रम स्थल पर जाएं या तो प्रवेश द्वार के निकट हर परिवार के जूते-चप्पल अलग अलग स्लाट में रखे जाएं।

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