उ प्र /मास्टर अलबेल सिंह के आवास पर दुल्ला गढ़ी में यज्ञ का आयोजन किया गया। आर्य वीर दल के मंत्री डॉ रवि शास्त्री ने कहा माता निर्माता भवति अर्थात जो निर्माण करें ,वह माता है।
बच्चों का लालन पालन और निर्माण माता के हाथों में होता है माता जैसा चाहे वैसा ही बालकों का निर्माण कर सकती है जिस समय बालक गभृ में होता है उस समय माता के जैसे विचार होते हैं। बालक वैसे ही बन जाते हैं वीर बालक अभिमन्यु ने चक्र भेदन की शिक्षा माता के गर्भ में ही प्राप्त कर ली थी अष्टावक्र 8 वर्ष की अवस्था में ही वेद का अच्छा विद्वान बन गया था क्योंकि जब वह गर्भ में था उस समय माता वेद का ध्यान करती थी । इस प्रकार के अनेक उदाहरण हमारे इतिहास में मिलते हैं। इस अवसर पर प्रधानाचार्य रामपाल सिंह ने कहा बच्चों के निर्माण के लिए माता का जीवन तपोमय होना चाहिए। वो बच्चे अनुकरण सील होते हैं ।
माता मदालसा ने मनचाहे बच्चे तैयार किए इस प्रकार संतान को माता जैसा चाहे बना सकती है इस अवसर पर मास्टर महक सिंह, प्रधानाचार्य रामपाल सिंह, मास्टर यशपाल चौधरी, सत्यवीर फौजी ,धीरज उज्जवल ,मास्टर अलबेल, जितेंद्र, रविंदर ,निगम ,छोटू चीनू , प्रतिभाआदि उपस्थित रहे।
उमेश चन्द्र तिवारी
स्टेट हेड
हिन्दी संवाद न्यूज़
यू पी
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