दिनांक 18 दिसम्बर 2020
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आदर्श किरायेदारी अध्यादेश लागू करना विचाराधीन है। नया अध्यादेश उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ अर्बन प्रीमिसेस टेनेंसी अध्यादेश, 2020 के नाम से प्रस्तावित है। इस अध्यादेश के लागू होने के बाद भवन स्वामी और किरायेदारों दोनों को सहूलियत होगी। इस अध्यादेश के माध्यम से मकान मालिक और किरायेदार के बीच जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। इससे आए दिन होने वाले किरायेदारी के विवादों में कमी आएगी। इस अध्यादेश में साथ ही अन्य जिम्मेदारी भी तय की गई हैं। इस अध्यादेश के लिए आम जनता भी अपने सुझाव दे सकती है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव-आवास, श्री दीपक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित ड्राफ्ट पर जनसामान्य एवं हितबद्ध व्यक्ति अपना सुझाव लिखित रूप से प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उप्र शासन, लाल बहादुर शास्त्री भवन, लखनऊ के कार्यालय अथवा ई-मेल ेवीवनेपदहवदम/हउंपसण्बवउ पर 20 दिसम्बर, 2020 को सायंकाल 05.00 बजे तक उपलब्ध करा सकते हैं। इस अध्यादेश का ड्राफ्ट आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की वेबसाइट ीजजचरूध्धण्नचण्दपबण्पद तथा आवास बन्धु, उप्र लखनऊ की वेबसाईट ूूूणइंदकीनण्पद पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित अध्यादेश के लागू हो जाने से किरायेदारी को लेकर होने वाले विवादों पर विराम लगेगा और नगरीय क्षेत्रों में होने वाली रेंटल आवास की कमी की समस्या का भी समाधान हो सकेगा। भवन स्वामी विधिक मामलों की जटिलता से बचने के लिए अपना भवन किराए पर देने से बचते रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में आवास खाली होने के बाद भी जरूरतमंद लोगों को भवन किराए पर नहीं उपलब्ध हो पाते थे। इस अध्यादेश के लागू हो जाने के बाद भवन स्वामी और किरायेदारों के बीच हुए समझौते में स्पष्टता और पारदर्शिता आएगी और छोटी-छोटी बातों में होने वाले विधिक विवादों में भी कमी आएगी।
प्रमुख सचिव आवास ने बताया कि प्रस्तावित उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ अर्बन प्रीमिसेस टेनेंसी अध्यादेश, 2020 के लागू हो जाने के पश्चात दोनों ही पक्षों के हितों को सुरक्षित किया जा सकेगा। अब अनुबंध में यह भी स्पष्ट होगा कि भवन की पुताई, रखरखाव, पानी व बिजली का बिल भुगतान करने आदि की जिम्मेदारी किसकी होगी।
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