उतरौला (बलरामपुर) ग्राम पंचायत चुनाव की डुगडुगी बजने से ग्राम प्रधानों की धड़कनें बढ़ गई हैं। अपनी सीट बरकरार रखने के लिए हर जतन किए जा रहे हैं।
पांच साल तक लोगों का हाल चाल न लेने वाले अब प्रधान बनने के होड़ में लोगों का दुख दर्द पूछते देखे जा रहे हैं।
पंचायत के विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने भी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए गोटियां फिट करनी शुरू कर दी है।सभी उम्मीदवार हर तरह से चुनावी रणनीति बनाकर अपने विरोधियों को पटखनी देने के लिए शतरंज की बिसात बिछाने में मशगूल हो गए हैं । चुनाव की तिथियां भले ही न आई हो लेकिन पद के दावेदार अभी से गोटियां बिछाने लगे हैं दूसरी तरफ गांव के मतदाता अपने भाग्य पर अभी भी पछता रहा है।ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 26 दिसम्बर को पूरा हो रहा है इससे चुनाव जनवरी या फरवरी में होने की संभावना जताई जा रही है। इस बार 6माह से अधिक कोरोना महामारी में निकल गया यह समय वर्तमान प्रधानों के लिए काफी नुकसान दायक साबित हुआ है इस दौरान काम तो हुए लेकिन प्रधान के मनमाफिक ऐसे काम नहीं हो पाये जिससे उनका वोट बैंक बढ़ जाता। समस्या यह भी है कि अब उनके पास इतना समय नहीं बचा है कि कुछ काम करा सकें ,कई गांव ऐसे हैं जहां आज भी लोगों का निकलना मुश्किल है प्रधानी चुनाव की सुगबुगाहट को देखकर वाट्सप फेसबुक ग्रुप के जरिए लोगों को जोड़ कर अपने पाले में करने के जतन किए जा रहे हैं। इसमें युवा प्रत्याशी वह समर्थक ज्यादा सक्रिय दिख रहे हैं गांव में चाय के चुस्कियों के अलावा घरों से लेकर सार्वजनिक स्थानों पर चुनावी चर्चा तेज हो गए हैं।
असगर अली
उतरौला
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