काजी हाउस व गौ शाला से किसानो को खास राहत नही
अमेठी 7 दिसंबर 2020 उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के फैसले से जिस तरह गांव गांव आवारा पशुओं की बाढ़ सी आ गई, किसान तबाही के कगार पर खड़ा हो गया वह किसी से छिपा नही है
यूपी के हर गांव मे अवारा पशु किसान की फसल को ही खत्म नही कर रहे है बल्कि पशु मंडी के बंद होने से गांव स्तर पर बेरोजगारी भी बढ़ गई और आम आदमी को भारी नुकसान उठाना पड़ा यूपी का शायद ही कोई ऐसा गांव हो जो इस महामारी का शिकार ना हुआ हो हर गांव में आवारा पशु किसानों की फसलों को बरबाद कर रहे हैं
सरकार भारी बजट खर्च तमाम काजी हाउस, गौशाला स्थापित की, लेकिन वह सब बेअसर साबित हुई है सरकार के इस फैसले से किसानों की फसलें ही नहीं तवाह हो रही है बल्कि जगह-जगह लगने वाली पशु मंडी बंद हो गई जिसका परिणाम यह है कि तमाम सारे लोग जो इस रोजगार से जुड़े थे वह बेरोजगार हो गए उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया
किसानो का पशु पालन भी आय का एक बडा जरिया था पर मंडी बंद होने से किसान पशुओं को बेचकर जो धन अर्जित करता था उस पर भी विराम लग गया यह किसी एक गांव की समस्या नहीं पूरे उत्तर प्रदेश की है और आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि मंडियों के बंद होने से कितनी बड़ी बेरोजगारी हुई होगी कितने परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ होगा... किसानों को लेकर सरकार बड़ी-बड़ी बातें तो करती है लेकिन हकीकत यह है उसका एक ही फैसला किसानों की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है योगी सरकार से पहले किसान वैसे ही नील गायों से परेशान था नीलगाय उसके लिए आफत बने हुए थे अब अवारा पशु और जंगली सूअर किसान के लिए गंभीर महामारी का रूप लेते जा रहे हैं सरकार ने समय रहते इस पर नहीं चेता तो आने वाला समय और भयानक हो सकता है
अमेठी रिपोर्ट संतोष त्रिपाठी
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