पशुमित्र, पैरावेट, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को उप जिला अधिकारी उतरौला अरुण कुमार गौड़ को ज्ञापन सौंपा।
मांग है कि जिन न्याय पंचायत क्षेत्रों में विगत कई वर्षों से चयनित पशुमित्र, पैरावेट, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं उस न्याय पंचायत में दूसरा पशुमित्र चयनित ना किया जाए।
कहा है कि विगत बीस वर्षों से शासन के मंशानुसार समय-समय पर ग्रामीण नवयुवकों को स्वरोजगार हेतु पशुपालन विभाग के प्रत्येक न्याय पंचायत में पशुमित्र, पैरावेट वैक्सीनेटर, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता के रूप में चयनित किया जाता रहा है। लगभग सभी न्याय पंचायतों में कार्यकर्त्ताओं का चयन किया जा चुका है। न्याय पंचायतों की परिधि भी लगभग दो किलोमीटर से ज्यादा नहीं होती है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक पूर्व से आज पशुओं की अनुपातिक आबादी काफी कम हो चुकी है। शासन की गलत नीतियों के कारण पशुमित्र, पैरावेट कार्यकर्त्ताओं को पशुपालन विभाग के तरफ से कोई मानदेय ना मिलने के कारण पूर्णतया बेरोजगार हो चुका है और काफी संकट की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। जिस न्याय पंचायतों में पूर्व से ही पशुमित्र, पैरावेट, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता चयनित हैं वहां एक और मैत्री का चयन न कर रिक्त वाले न्याय पंचायत में ही किया जाए। इस दौरान मोहम्मद इलियास, शोयब अहमद, धर्म देव गुप्त, राम कुमार,अनीस अहमद, सोनू कुमार मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know