सिगरा की रहने वाली नीलम पटेल भी उन मिसाल में शुमार हैं जिन्होंने हालात से जूझते हुए एक मुकाम बनाया और अब दूसरों के लिए प्रेरणा और भरोसा बन गई हैं। सन-2002 में इंटर पास करने के बाद शादी तय हो गई। फिर घरवालों ने आगे पढ़ाने से मना कर दिया। नीलम घर में छह साल तक बैठी रहीं लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने खुद को सशक्त किया। इस दौरान स्नातक और परास्नातक की डिग्री ली। 2008 में उन्होंने घरेलू और लैंगिक हिंसा की शिकार बच्चियों के अधिकारों की लड़ाई शुरू की। नीलम ने अब तक 500 से अधिक बच्चियों को अधिकार दिलाकर सशक्त बनाया। 60 से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा है। इन महिलाओं को विभिन्न संस्थाओं से नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाया। इनमें कई महिलाएं पूरे परिवार की आय का बड़ा जरिया बन गई हैं।
अब बच्चियों के लिए लड़ रहीं वाराणसी की नीलम
Bureau Chief-Varanasi Dr S C Srivastava
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