*प्रेस विज्ञप्ति*
*दिनांकः 17.12.2020*
*जेवर एयरपोर्ट का नाम गुर्जर सम्राट मिहिरभोज के नाम पर रखने की लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने की मांग, कहा मिहिरभोज नामकरण से भारत की विश्वगुरू छवि होगी पुर्नस्थापित*
जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में निर्माणाधीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नामकरण की प्रक्रिया सरकार द्वारा शुरू कर दी गई है। गुरूवार को लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जेवर एयरपोर्ट का नाम गुर्जर प्रतिहार राजवंश के महान शासक मिहिरभोज के नाम पर ‘गुर्जर सम्राट मिहिरभोज इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ रखने की मांग की है। इस संबंध में विधायक ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने नामकरण के पीछे गौतमबुद्धनगर की एतिहासिक और क्रांतिकारी पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए लिखा है कि *जनपद गौतमबुद्धनगर का एक गौरवशाली इतिहास एवं एतिहासिक पृष्ठभूमि रही है। भारतीय इतिहास में गौतमबुद्धनगर सनातन धर्म रक्षक, अरब के शत्रु कहे जाने वाले गुर्जर प्रतिहार राजवंश महान चक्रवर्ती सम्राट ‘आदिवराह’ मिहिरभोज की रियासत और उनके वंशजों की कर्म एवं जन्मभूमि रही है। गुर्जर प्रतिहार राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट ने विशुद्ध सनातन वैदिक हिंदू धर्म की पुर्नस्थापना के साथ देव भाषा संस्कृत का सर्वाधिक प्रचार-प्रसार कर सनातन पठन-पाठन सहित पूजा की पद्धति को पुनःस्थापित किया। 400 वर्षो तक अरबों को भारत की सीमा से दूर रखकर गुर्जर प्रतिहार राजवंश के सम्राट मिहिर भोज और उनके वंशजों ने भारत की सीमा का विस्तार रूस, चीन, इराक आदि देशें तक कर, अखंड भारत का निर्माण किया। आठवीं सदी में सोमनाथ मंदिर की अरबों से रक्षा और उसके जीर्णोद्वार का श्रेय भी सम्राट मिहिर भोज के राजवंश को जाता है। भारत की सीमा विस्तार से लेकर स्थापत्य कला, सुशासन, वित्तिय एवं धार्मिक मान्यताओं पर भी सम्राट मिहिर भोज के शासन को इतिहासकारों ने स्वर्णिम काल बताया है। विदेशी इतिहासकार सुलेमान और अलबरूनी ने अपनी किताबों में सम्राट मिहिर भोज को सनातन धर्म रक्षक और अरब का शत्रु कहा है। आजादी की प्रथम 1857 की लड़ाई में भी सम्राट मिहिर भोज के वंशजों उमराव सिंह भाटी आदि ने गौतमबुद्धनगर की धरती पर क्रांति का बिगुल फुंकते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।*
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पत्र में लिखा है कि निर्माणाधीन एयरपोर्ट का नाम, गौतमबुद्धनगर के गौरवशाली इतिहास, क्रांतिकारी एवं समृद्ध पृष्ठभूमि और आस-पास के क्षेत्रों में बहुतायत संख्या में निवास करने वाले सम्राट मिहिर भोज के वंशज, स्थानीय जनता की जनभावना को ध्यान में रखते हुए सनातन धर्म रक्षक सम्राट मिहिरभोज के नाम पर ‘गुर्जर सम्राट मिहिरभोज इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ रखकर भारत को अखंड बनाने वाले राष्ट्र गौरव को सच्ची श्रद्धांजलि होगी और भारत के विश्वगुरू की छवि भी पुर्नस्थापित होगी।
जातिगत कापी पेस्ट इतिहास पर पत्रकारिता की मलाई छिड़कना तुम सबसे सीखे ।
जवाब देंहटाएंपत्रकारिता को नेस्तनाबूत कर रखा है ।
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