*जीवन मूल्यों में संस्कारों का बड़ा महत्व होता है--भारती सिंह* *जीवन मूल्यों में संस्कारों का बड़ा महत्व होता है--भारती सिंह* गाजियाबाद।जीवन मूल्यों में सस्कारों का बड़ा महत्व होता है।ऐसा ही एक संस्कार है सेवा का भाव। नि:स्वार्थ भाव से यथासंभव जरूरतमंद की मदद करना, सेवा करना हमारे संस्कारों की पहचान करवाता है। ऐसा ही भाव गाज़ियाबाद संसदीय क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद व भारत सरकार में सड़क परिवहन राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल(रि.) विजय कुमार सिंह जी तथा उनके सम्पूर्ण परिवार का है। इस कड़ी में माननीय मंत्री जी की धर्मपत्नी श्रीमती भारती सिंह जी तथा सुपुत्री श्रीमती मृणालिनी सिंह द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष की दिनांक 07 दिसंबर को भी जरूरतमंद शिशुओं को निःशुल्क सर्दी से बचाव हेतु कंबल वितरित किये गए। माननीय मंत्री जी व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा हर साल सराहनीय कार्य किये जाते हैं। जोकि जरूरतमंदों हेतु अत्यंत लाभदायक कार्य होते हैं। हमारे गाज़ियाबाद में ठंड से कोई भी बच्चा प्रभावित न हो इसके लिए हम सदैव प्रयासरत रहेंगे। हमारा अहम उद्देश्य है कि गाज़ियाबाद में कोई भी व्यक्ति तथा बच्चा लाचार न रहे, क्योंकि बच्चों के हाथों ही देश का भविष्य होता है। यदि देश का बच्चा स्वस्थ होगा, तो हमारे देश का भविष्य और बेहतर बनेगा। साथ ही इससे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध किया जा सकेगा। यह हमारा दृढ़ संकल्प है कि हमारे गाज़ियाबाद संसदीय क्षेत्र हर तरह से समस्या मुक्त रहे।

गाज़ियाबाद जनपद में तमाम राजकीय/स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा बच्चों की देखरेख की जाती है। जिसमें मुख्य तौर से राजकीय सम्प्रेक्षण गृह शास्त्रीनगर गाज़ियाबाद, रामराज सेवा संस्थान साहिबाबाद गाज़ियाबाद, उदय खुला बाल गृह न्यू गांधी नगर गाज़ियाबाद, ग्रेस केयर मूवमेंट बालिका गृह वसुंधरा गाज़ियाबाद, उड्डयन केयर होम बालिका सूर्यनगर गाज़ियाबाद, लाल बहादुर शास्त्री सुरदर्शनम बाल आश्रम गृह गोविंदपुरम गाज़ियाबाद, घरौंदा बाल गृह(शिशु) गोविंदपुरम गाज़ियाबाद संस्थाएं कार्यरत हैं। सभी समाजसेवी संस्थाएं निरंतर बच्चों की हरसम्भव सेवा करने में सदैव प्रयासरत रहती हैं।

दरअसल, सेवा करना मानव जीवन का सौंदर्यता तथा श्रृंगारता को सदैव दर्शाता है। साथ ही सेवा न केवल मानव जीवन की शोभा है, बल्कि स्वयं को आत्म-संतोष की उत्पत्ति करवाता है। इसी कारण ऐसा सर्वश्रेष्ठ सेवा का धर्म सभी इच्छाधारियों को अपनाना चाहिए ताकि हमारे समाज में असहाय तथा जरूरतमंद किसी भी समस्या से पीड़ित न रहे तथा हर एक सेवादारी पात्र को आत्म-संतोष भाव की उत्पत्ति भी हो।होता है।ऐसा ही एक संस्कार है सेवा का भाव। नि:स्वार्थ भाव से यथासंभव जरूरतमंद की मदद करना, सेवा करना हमारे संस्कारों की पहचान करवाता है। ऐसा ही भाव गाज़ियाबाद संसदीय क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद व भारत सरकार में सड़क परिवहन राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल(रि.) विजय कुमार सिंह जी तथा उनके सम्पूर्ण परिवार का है। इस कड़ी में माननीय मंत्री जी की धर्मपत्नी श्रीमती भारती सिंह जी तथा सुपुत्री श्रीमती मृणालिनी सिंह द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष की दिनांक 07 दिसंबर को भी जरूरतमंद शिशुओं को निःशुल्क सर्दी से बचाव हेतु कंबल वितरित किये गए। माननीय मंत्री जी व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा हर साल सराहनीय कार्य किये जाते हैं। जोकि जरूरतमंदों हेतु अत्यंत लाभदायक कार्य होते हैं। हमारे गाज़ियाबाद में ठंड से कोई भी बच्चा प्रभावित न हो इसके लिए हम सदैव प्रयासरत रहेंगे। हमारा अहम उद्देश्य है कि गाज़ियाबाद में कोई भी व्यक्ति तथा बच्चा लाचार न रहे, क्योंकि बच्चों के हाथों ही देश का भविष्य होता है। यदि देश का बच्चा स्वस्थ होगा, तो हमारे देश का भविष्य और बेहतर बनेगा। साथ ही इससे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध किया जा सकेगा। यह हमारा दृढ़ संकल्प है कि हमारे गाज़ियाबाद संसदीय क्षेत्र हर तरह से समस्या मुक्त रहे।

गाज़ियाबाद जनपद में तमाम राजकीय/स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा बच्चों की देखरेख की जाती है। जिसमें मुख्य तौर से राजकीय सम्प्रेक्षण गृह शास्त्रीनगर गाज़ियाबाद, रामराज सेवा संस्थान साहिबाबाद गाज़ियाबाद, उदय खुला बाल गृह न्यू गांधी नगर गाज़ियाबाद, ग्रेस केयर मूवमेंट बालिका गृह वसुंधरा गाज़ियाबाद, उड्डयन केयर होम बालिका सूर्यनगर गाज़ियाबाद, लाल बहादुर शास्त्री सुरदर्शनम बाल आश्रम गृह गोविंदपुरम गाज़ियाबाद, घरौंदा बाल गृह(शिशु) गोविंदपुरम गाज़ियाबाद संस्थाएं कार्यरत हैं। सभी समाजसेवी संस्थाएं निरंतर बच्चों की हरसम्भव सेवा करने में सदैव प्रयासरत रहती हैं।

दरअसल, सेवा करना मानव जीवन का सौंदर्यता तथा श्रृंगारता को सदैव दर्शाता है। साथ ही सेवा न केवल मानव जीवन की शोभा है, बल्कि स्वयं को आत्म-संतोष की उत्पत्ति करवाता है। इसी कारण ऐसा सर्वश्रेष्ठ सेवा का धर्म सभी इच्छाधारियों को अपनाना चाहिए ताकि हमारे समाज में असहाय तथा जरूरतमंद किसी भी समस्या से पीड़ित न रहे तथा हर एक सेवादारी पात्र को आत्म-संतोष भाव की उत्पत्ति भी हो।

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