रिपोर्ट - सूरज कुमार शुक्ला इटियाथोक
गोण्डा।अपने कारनामों से अक्सर चर्चा में रहनेवाले मुख्यालय स्थित बाबू ईश्वरशरण जिला चिकित्सालय में व्याप्त भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है।अब तो यहाँ लाचारों को भी नहीं बख्शा जा रहा।भ्रष्टाचार में लिप्त यहाँ के कर्मी उनके साथ भी अत्याचार करके मानवता को शर्मसार कर रहे हैं।
बाबू ईश्वरशरण जिला चिकित्सालय में विक्लांगों को प्रमाण पत्र पाने के लिये वहाँ तय की गयी मोटी रकम चुकानी पड़ती है,अन्यथा उन्हें महीनों चक्कर काटने के बावजूद यह मुहैया नहीं हो पाती।
बताते हैं कि,दो दिन पूर्व इसी अस्पताल के एक बाबू द्वारा खुलेआम एक व्यक्ति से जन्म प्रमाण पत्र के एवज में खुलेआम रिश्वत लेने का वीडियो वायरल होने से इस अस्पताल की हकीकत फिर से लोगों केसामने खुल गई। बावजूद इसके अस्पताल के निर्लज्ज जिम्मेदारों द्वारा इस पर कार्रवाई के बजाय सफाईयां पेश की जाने लगीं।
बताते हैं कि,इस अस्पताल में विक्लांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जनपद के दूरदराज के क्षेत्रों से आये लाचार सुबह से शाम तक यही आश लगा कर ख़ड़े रहते है की उनका सर्टिफिकेट बन जायेगा,पर यहाँ उस पटल पर कार्यरत बाबू के भ्रष्टाचारी रवैये के चलते खुलेआम उनका आर्थिक शोषण करने के साथ मानसिक उत्पीड़न किया जाता है। अस्पताल में आये लाचारों के मुताबिक भ्रष्टाचार के चलते उन्हें प्रमाण पत्र बनवाने में 3 से 6 महीने तक लग जाते हैं।बावजूद कुछ एक किस्मतवालों को छोड़कर सबको निराशा ही हाथ लगती है।लाचारों का आरोप है कि, प्रमाण पत्र बनवाने के कार्यालय के बाबू द्वारा 5000 रुपये भी निर्धारित किये गए हैं। जो पैसा दे देता है उसका दो से छह दिनो के भीतर बन जाता है।जो रूपये नहीं दे पाता उसका महीनो तक चक्कर काटने के बावजूद भी प्रमाण पत्र नहीं बन पाता।
क्या कहते हैं नवागत सीएमओ।
इस बावत जब सी एम ओ डाक्टर अजय गौतम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि,आज ही यह संज्ञान में आया है।
रिपोर्ट - सूरज कुमार शुक्ला इटियाथोक गोंडा
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