उतरौला के एक युवा ने नार्वे में *स्किन कैंसर सर्जरी इन ट्रांसप्लांट पेशेंट * में PHD (पी एच डी) की डिग्री प्राप्त की ::
उतरौला (बलरामपुर) जनपद बलरामपुर के कस्बा उतरौला निवासी
सैयद मुहम्मद हुसैन रिज़वी ने कैंसर सर्जरी इन ट्रांसप्लांट पेसेंट में पीएचडी की डिग्री प्राप्त कर उतरौला का नाम रोशन किया है। उन्होंने अपने मेहनत से (शाजान) 2009 में MBBS. MD नार्वे में हो गये थे, और बाद में स्किन स्पेशलिस्ट हुए फिर अपने काम का ऐसा रिकार्ड अस्पताल में कायम किया कि ओस्लो के प्रसिद्ध अस्पताल रिक्स हास्पिटल में कन्सलटेन्ट के पद पर नियुक्त हुए 14.दिसम्बर 2020 को कैंसर सर्जरी इन ट्रांसप्लांट पेशेंट मे पी एच डी की डिग्री प्राप्त की।
डिफेंसिव परीक्षा में तीन परीक्षक एक इटली से व एक स्वीडन से और एक नार्वे से थे और साथ साथ उनके संरक्षक प्रोफेसर भी थे। डा0 मुहम्मद हुसैन रिज़वी, मौलाना सैयद शमशाद हुसैन रिज़वी मोहल्ला सुभाष नगर डायरेक्टर तौहीद इस्लामिक सेन्टर ओस्लो नार्वे के पुत्र हैं। डा0 रिज़वी ओस्लो के जवानों के धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष प्रकार से प्रसिद्ध है। उन्होंने अपने मझले भाई डा0 सैयद अली मुजतबा रिज़वी ( MD, Neru sirgen) के साथ मिलकर एक पुस्तक नारवेजियन भाषा में शिया समुदाय के लोगों के लिए *अल्लाह की तरफ़ रासता* लिखी।
जब दोनों इंटरमीडिएट फर्स्ट ईअर व सिकेण्ड ईअर की क्लास में थे। फिर इर दोनों भाइयों ने अपने तीसरे व छोटे भाई मौलाना सैयद हसन असकरी रिज़वी के साथ *मुनतखब मफातीहुल जिनान* का नारवेजियन भाषा में अनुवाद किया। तीनों भाई मस्जिद तौहीद ओस्लो के कामों में व्यस्त और बहुत ऐक्टिव हैं। मौलाना सैयद हसन असकरी अग्रेजी व नारवेजियन भाषाओं पर बेहतरीन लेक्चर देते और मजलिस पढ़ते हैं। उन्हें अरबी व फारसी भाषा का भी बोलने व लिखने में महारथ हासिल है।
इस के साथ ही वह कई किताबों का अनुवाद भी कर चुके हैं। क्षेत्र क़े होनहार युवा की इस उपलब्धी पर लोग फख्र करते हुये गर्व का अनुभव कर रहे हैं ।
असगर अली
उतरौला
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